कानपुर: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता पर जूता फेंकने के मामले में कानपुर के डॉक्टर शक्ति भार्गव को हिरासत में लिया गया है। इस प्रकरण के बाद एक बार फिर से डॉ. भार्गव विवादों में फंस गए हैं। इससे पूर्व वह ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआईसी) की जमीन खरीद व खुद के ही अपहरण के मामले में सवालों के घेरे में आ गए थे। बेटे की हरकत को लेकर उनकी मां ने उनसे किसी भी प्रकार के रिश्ते न होने की बात कही है।
दरअसल, गुरुवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान चल रहा था। इस बीच भाजपा ने दिल्ली मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता की। इसी दौरान पार्टी के प्रवक्ता व सांसद जीवीएल नरसिम्हा पर एक व्यक्ति ने जूता फेंक दिया। हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत आरोपित को हिरासत में ले लिया। तलाशी में उसके पास कानपुर निवासी डॉक्टर शक्ति भार्गव का विजिटिंग कार्ड मिला। इस प्रकरण को लेकर डॉक्टर शक्ति की मां दया भार्गव से जब कानपुर में बात की गई तो उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि उनका बेटे से कोई सम्बन्ध नहीं है।
एक साल से उसकी शक्ल तक नहीं देखी है। उन्होंने बेटे के किसी पार्टी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि वैसे बेटे का किसी पार्टी से संबंध नहीं है। वह अलग रहता है और उसका दिमागी हालत ठीक नहीं है। विवादों से पुराना नाता डॉ शक्ति भार्गव पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। उन्होंने कुछ साल पहले ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआईसी) की जमीन खरीदी थी, जिसकी जांच चल रही है। कुछ समय पहले डॉ. शक्ति भार्गव अचानक अपने घर से गायब हो गए थे।
तब उनके घरवालों ने अपहरण की आशंका जताई थी। इसके कुछ दिनों बाद वह अचानक वापस आ गए। जनपद के सिविल लाइंस इलाके में उनका काफी प्रतिष्ठित नर्सिंग होम है, जिसे इन दिनों मां संचालित कर रही है। हालांकि मां भले ही बेटे से रिश्ते न होने की बात कह रही हो, लेकिन कुछ लोगों की माने तो डॉक्टर शक्ति अक्सर अस्पताल में आते हैं।