यूपी में चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव इनदिनों बहुत कन्फ्यूज है। इसके साथ ही उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी समझ में नहीं आ रहा कि वो मुलायम का फोटो अपने पोस्टर बैनर में लगाएं या हटा दें। क्योंकि नेता जी मुलायम सिंह के मन में क्या है, उनके मन की बात बेटा और भाई दोनों नहीं जान पाते तो बेचारे कार्यकर्ताओं का क्या दोष। मंगलवार को भी नेता जी ने ऐसा कुछ किया कि ये कन्फ्यूजन और बढ़ गया।
‘पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करते हैं’
हुआ यूं की समाजवादी पार्टी से बगावत कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल यादव के पार्टी की बैठक ले रहे थे। जिसमें लखनऊ स्थित नए सरकारी आवास पर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी पहुंच गए। मुलायम को देखकर शिवपाल और कार्यकर्ता गदगद थे। नेता जी का स्वागत करते हुए शिवपाल ने तुरंत कहा कि ‘नेताजी यह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है और अब आपको इसी में रहना है.’ इस पर मुलायम सिंह यादव ने हामी भरते हुए सिर हिलाया और बोले- ठीक है। शिवपाल ने आगे कहा कि वो नेताजी को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहते हैं. पीएम पद के लिए पार्टी से उम्मीदवार घोषित करते हैं. जिसके बाद मुलायम सिर्फ हल्के से मुस्कुराए।
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‘जहां समाजवादी लोग हैं वहीं नेता जी हैं’
इस दौरान मुलायम सिंह से शिवपाल ने कहा, आपको इस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना है. हम आपको राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखते हैं। इस प्रस्ताव का शिवपाल की पार्टी के लोगों ने एक सुर में समर्थन किया। आगे शिवपाल ने जोड़ते हुए कहा, ‘जहां समाजवादी लोग हैं वहीं नेता जी हैं.’ इस पर मुलायम ने राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने के लिए कहा. जिसपर शिवपाल ने 5 दिन में राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने का वादा किया।
शिवपाल के मंच पर सपा की तारीफ
वहीं कुछ देर बाद मुलायम ने अपना भाषण दिया, अपने भाषण के दौरान मुलायम सिंह यादव ने बोलते हुए, सपा की तारीफ करने लगे. जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने आवाज लगाई ये समाजवादी पार्टी नहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है। जिसके बाद मुलायम ने सुधार करते हुए कहा, ‘अच्छा, अब समाजवादी पार्टी का दूसरा नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी हो गया है.’
अचानक पहुंचे सपा कार्यालय
भाषण खत्म करने होने के बाद शिवपाल ने मुलायम का आशीर्वाद लेकर विदा किया। इसके बाद मुलायम सीधे सपा पार्टी कार्यालय में पहुंच गए। जहां उनका इंतजार अखिलेश यादव कर रहे थे, उसके बाद मुलायम ने अखिलेश के साथ मीटिंग की और कुछ निर्देश दिए फिर सपा पार्टी कार्यालय चल गए. मुलायम के इस दांव से पार्टी दोनों पार्टी के कार्यकर्ता बेहद दुविधा में हैं, अब दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं की निगाहें उन पर लगी हुई हैं कि वो किस करवट बैठते हैं।
मुलायम का शिवपाल के घर पहुंचना सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए झटका माना जा रहा है, शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) को आशीर्वाद देना और पार्टी को मजबूत करने की बात कह कर सपा के लोगों को बेचैन कर दिया. पर अखिलेश के साथ मीटिंग से सपा कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है.
मुलायम सिंह यादव के बारे में एक बात कही जाती है राजनीति के अखाड़े में वो कौन सा दांव चलेंगे कोई नहीं जानता। उनका बायां हाथ क्या करेगा, यह उनका दायां हाथ को भी ख़बर नही होती. कभी अखिलेश की प्रशंसा करते हैं कभी मंच से अखिलेश को नसीहत देते हैं. इसी तरह कभी शिवपाल पर एकदम चुप हो जाते हैं, कभी कहते हैं समाजवादी पार्टी में सभी लोग एक हैं. ऐसे में मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर खुद को राजनीति का सबसे बड़ा खिलाड़ी साबित किया है। जहां दोनों दलों के लोग उन्हें अपनी पार्टी में रखना चाहते हैं, और खुद मुलायम किसी एक को अपना आशीर्वाद देना नहीं चाहते। राजनीति के पंडितों को भी मुलायम का मूड समझ में नहीं आ रहा। अब देखना है, मुलायम अपने पत्ते कब तक खोलते हैं, और किसके साथ पर्मानेंट बैठकर इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं।