आपने सुना ही होगा आजकल सिम कार्ड स्वैपिंग के कई मामले देखने को मिल रहे हैं। मगर लोगों के सामने एक सवाल खंडा होता है कि जब मोबाइल उनके पास ही है तो सिम कार्ड स्वैपिंग कैसे हो सकती है। तो आइए जानते है इसके बारे में
जब आप मोबाइल नंबर को बंद करके उसी नंबर से दूसरा सिम कार्ड निकालवाते हैं। जब आप अपने पुराने नंबर पर नया सिम कार्ड लेते हैं तो यही प्रक्रिया सिम कार्ड स्वैपिंग के दौरान भी होती है।
सिम कार्ड स्वैपिंग के दौरान जो लोग जानता के साथ धोखाधड़ी करते है, वो पहले उनको फोन करते हैं और खुद को आपके सिम वाली कंपनी का अधिकारी बताते हैं। इसके बाद वे आपसे कहते हैं कि आपके फोन में नेटवर्क ठीक तरह से काम नहीं करता होगा इसलिए इस समस्या का समाधान करने के लिए आप अपने 20 अंकों का सिम नंबर बताएं।
जो लोग नहीं जानते वो इनके झांसों से आ जाते हैं। जब आप उनकों जानकारी देते है तो पुष्टि करने के लिए वो आपसे बोलते है कि 1 दबाइये। जैसे ही आप एक दबाते है, तो आपके नए सिम के आवेदन की पुष्टि हो जाती है। फिर आपके आपकी कंपनी को जानकारी मिलती है कि आपने ही नए सिम के लिए आवेदन किया है। इसके बाद आपका नंबर बंद हो जाता है और नया सिम है उन लोगों के पास चला जाता हैं। इसके बाद आपके जिस-जिस बैंक खाते से वह मोबाइल नंबर जुड़ा होता है, उससे वे लोग पैसे निकाल लेते हैं।