समाजवादी पार्टी ने ऐन चुनाव से ठीक पहले वाराणसी लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बदल दिया है। समाजवादी पार्टी ने बीएसएफ से बर्खास्त कांस्टेबल तेज बहादुर यादव को वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़ा किया है।
बता दें कि तेज बहादुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उसने बीएसएफ में मिलने वाले दोयम दर्जे के खाने का खुलासा किया था। उसने कहा कि अफसर सब लूट लेते हैं और छोटे कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं बचता। इसके बाद हुई जांच में तेज बहादुर यादव को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।
सोमवार को नामांकन दाखिल कराने के आखिरी दिन सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने तेज बहादुर यादव का पर्चा दाखिल कराया। उन्होंने दावा किया कि तेज बहादुर पार्टी के प्रत्याशी होंगे। धूपचंडी ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी में बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव समाजवादी के प्रत्याशी होंगे। पार्टी की ओर से अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव नामांकन वापस ले लेंगी।
इससे पहले सोमवार को जब शालिनी यादव नामांकन करने के लिए कलक्ट्रेट में जुलूस लेकर पहुंचीं, उसी समय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान को लेकर नामांकन का एक सेट और दाखिल कराने पहुंच गए। दोनों प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल कर दिया। हालांकि माना जा रहा है कि अगर समाजवादी पार्टी तेज बहादुर पर दांव लगाती है, तो इसके जरिए वह पीएम मोदी पर सीधे हमला कर सकेगी। सपा तेज बहादुर की बर्खास्तगी के मुद्दे को उठाकर जहां पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद के नारे को भोथरा करेगी। उधर, शालिनी के हटने से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय और मजबूती से चुनाव लड़ पाएंगे।
कौन हैं तेज बहादुर यादव
तेज बहादुर ने 2017 में बीएसएफ में मिल रहे खाने को घटिया बताते हुए वीडियो बनाए थे। सोशल मीडिया पर आने के बाद सभी वीडियो वायरल हो गए थे। इस मामले की जांच हुई, जिसके बाद तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया गया। जनवरी, 2019 में तेज बहादुर के 22 साल के बेटे की संदिग्ध स्थितियों में मौत हो गई थी। वह अपने कमरे में बंदूक के साथ मृत पाया गया था।