रविदास मेहरोत्रा को सपा ने लखनऊ से बनाया प्रत्याशी, 251 बार अभी तक जा चुके हैं जेल

रविदास मेहरोत्रा को सपा ने लखनऊ से बनाया प्रत्याशी, 251 बार अभी तक जा चुके हैं जेल

आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. सपा ने सूबे की राजधानी और तहजीब की नगरी कहा जाने वाले लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2022 के विधानसभा चुनाव में रविदास मेहरोत्रा ने लखनऊ मध्य बड़ी जीत हासिल करके विधायक बने थे. उन्होंने रजनीश गुप्ता को 11 हजार मतों से हराकर विधानसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज करायी थी.

रविदास मेहरोत्रा पहली बार 1989 में जनता दल के टिकट पर लखनऊ पूर्वी सीट से विधायक बने थे. उसके बाद वह 2012 में दूसरी बार सपा की टिकट पर तो तीसरी बार 2022 में विधायक बने. सपा सरकार के दौरान अखिलेश कैबिनेट में रविदास मेहरोत्रा स्वतंत्र प्रभार मंत्री भी रह चुके हैं. अखिलेश यादव ने रविदास मल्होत्रा को अपने मंत्रिमंडल में परिवार कल्याण विभाग स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया था.

खत्री समाज से आने वाले रविदास मेहरोत्रा ने 1973-74 में राजनीति की शुरुआत की और उस समय जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़ गए. आपातकाल के वह 18 महीने जेल में रहे. जेल में रविदास मेहरोत्रा की मुलाकात सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव से हुई.

उसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह की छत्रछाया में अपने सियासी कैरियर को आगे बढ़ाया. मल्होत्रा एकमात्र ऐसे  इकलौते राजनेता हैं जो सियासत में सबसे ज्यादा बार जेल की हवा खाई है. रविदास मेहरोत्रा 251 बार अभी तक जेल जा चुके हैं. सबसे ज्यादा बार गिरफ्तार होने और जेल जाने के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है. वह अलग-अलग आंदोलन से जुड़े रहे हैं और रोचक बात यह है कि वह 2007 से 2012 के बीच मायावती सरकार के दौरान 18 बार जेल गए थे.

2017 के विधानसभा चुनाव में रविदास मेहरोत्रा को लखनऊ मध्य से हार का सामना करना पड़ा था. उनकी पहचान जनहित के मुद्दों पर सड़क से लेकर संसद तक आवाजा उठाने वाले नेता के रूप में रही है. राजनीतक सूझ-बूझ की वजह से रविदास मेहरोत्रा पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के करीबी माने जाते रहे. पिछले महीने जब उन्हें लखनऊ लोकसभा का प्रभारी बनाया गया था तब से उनके लोकसभा उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा जोरों पर थी. ऐसे में अब अखिलेश यादव ने बीजेपी के गढ़ में उनको उतारकर चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है.

लखनऊ लोकसभा सीट पर बीजेपी का 1991 से कब्जा है. साल 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस सीट से सांसद चुने गए थे. उसके बाद 2009 लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन सांसद बने. साल 2014 और 2019 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सांसद चुने गए.

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