गर्मी का मौसम आ चुका है. दिन में इतनी गर्मी हो जाती है कि घर में एसी ही काम आता है. गर्मी से बचने के लिए अगर आप एसी खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए जरूरी है. अगर आप विंडो एसी और स्प्लिट एसी के बीच कंफ्यूज हैं तो यहां हम आपको इन दोनों के बीच का अंतर बता रहे हैं. कई बार विंडो एसी या स्प्लिट एसी चुनना काफी कठिन काम हो जाता है. बस इसी कीमत में हम आपकी मदद कर रहे हैं.
कीमत: एसी का बजट सबसे अहम होता है. विंडो एसी लेना चाहिए या स्प्लिट एसी, यह सब निर्भर करता है आपके बजट के ऊपर. विंडो एसी थोड़ा सस्ता होता है और स्प्लिट एसी महंगा होता है. भले ही दोनों की टन क्षमता एक जैसी हो लेकिन कीमत में अंतर देखा जा सकता है.
स्पेस: इन दोनों के बीच स्पेस एक बड़ा अंतर होता है. विंडोज एसी को ज्यादा जगह की जरूरत होती है क्योंकि यह सिर्फ एक ही यूनिट होता है. जबकि स्प्लिट एसी में दो यूनिट होती हैं जिसमें एक इनडोर और दूसरी आउटडोर होती है. अगर आपके पास खिड़की पर इतनी जगह है जहां आप विंडो एसी लगा सकते हैं तो आप विंडो एसी ले सकते हैं. वहीं, अगर आपके पास खिड़की पर जगह नहीं है और दो यूनिट्स लगवा सकते हैं तो स्प्लिट एसी को ऑप्ट कर सकते हैं.
एनर्जी खपत: अगर एनर्जी खपत के मामले में विंडो एसी और स्प्लिट एसी को कंपेयर किया जाए तो दोनों में बहुत अंतर नहीं होता है. विंडो एसी का 1.5 टन एसी हो या फिर स्प्लिट एसी का 1.5 टन एसी, दोनों की बिजली खपत एक जैसी होती है. इन्वर्टर एसी पुराने मॉडल्स की तुलना में कम बिजली खपत करते हैं. हालांकि, यह काफी हद तक विंडो और स्प्लिट एसी की बीईई रेटिंग और कंप्रेसर तकनीक पर निर्भर करता है.
आवाज: स्प्लिट एसी एकदम शांति से काम करता है जबकि विंडो एसी काफी शोर करता है. इसके अलावा, एसी में हो रहा शोर कंप्रेसर पर भी निर्भर करता है. विंडो एसी में, कंप्रेसर और इंटरनल ब्लोअर एक ही यूनिट में लगे होते हैं. इसलिए ज्यादा शोर सुनाई देता है. लेकिन स्प्लिट एसी के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि इसकी इनडोर यूनिट और आउटडोर यूनिट अलग होती हैं. जब कंप्रेसर यूनिट को बाहर रखा जाता है तो सारा का सारा शोर वही होता है और घर में शांति होती है.
कूलिंग कैपेसिटी: एसी की कैपेसिटी या कूलिंग उसके टन पर निर्भर करती है. हालांकि, स्प्लिट एसी ऊंचाई पर लगाए जाते हैं और बड़ी जगह को ठंडा करने के काम आते हैं जबकि विंडो एसी छोटे कमरे के लिए सही होते हैं. इनमें से चाहें आप कोई भी एसी क्यों न लें यह सुनिश्चित करें कि वो कम से कम 2 टन का हो.
मेंटेनेंस: स्प्लिट एसी और विंडो एसी के मेंटेनेंस को लेकर हमेशा से बहस चलती रही है. विंडो एसी की एक ही यूनिट होती है इसलिए इसे मेंटेन करना आसान है। वहीं, स्प्लिट एसी में दो यूनिट होती हैं और इन दोनों को मेंटेन करना विंडो एसी के मुकाबले महंगा हो सकता है.