गोरखपुर। देश में गोरखपुर स्थित गीता प्रेस ही हिंदुओं के तमाम धार्मिक ग्रंथ छापती है। इनमें सबसे ज्यादा रामचरितमानस की छपाई होती है। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होने जा रहा है। उससे पहले हैरत में डालने वाली खबर आई है। जानकारी के मुताबिक देशभर में रामचरितमानस की मांग काफी बढ़ गई है। रामचरितमानस की मांग इतनी ज्यादा है और लोग इस धार्मिक ग्रंथ को इतना खरीद रहे हैं कि गीता प्रेस वाले छाप-छापकर भी मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। खबर ये है कि गीता प्रेस में रामचरितमानस का स्टॉक खत्म हो गया है। यहां दिन-रात रामचरितमानस की प्रतियां छापकर बिकने के लिए भेजी जा रही हैं।
#WATCH via ANI Multimedia | Ayodhya Pran Pratishtha से पहले देशभर में बढ़ी Ramcharitmanas की मांग, Gita Press का Stock हुआ ख़त्मhttps://t.co/3aLYcQcuwT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 2024
गीता प्रेस के एक ट्रस्टी के मुताबिक 50 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि रामचरितमानस की प्रतियों का स्टॉक खत्म हो गया है। रामचरितमानस की प्रतियों की मांग तमाम राज्यों से गीता प्रेस को मिल रही हैं। ऐसे में इस धार्मिक ग्रंथ की प्रतियों को लगातार छापा जा रहा है। रामचरितमानस के अलावा हनुमान चालीसा और श्रीमद्भग्वदगीता की मांग भी काफी बढ़ी है। गीता प्रेस के ट्रस्टी के मुताबिक गुजरात सरकार ने भी 50 लाख श्रीमद्भग्वदगीता की प्रतियों की मांग भेजी है। कुल मिलाकर पूरा देश राममय होता दिख रहा है। गीता प्रेस का शताब्दी समारोह पिछले साल ही हुआ था। गीता प्रेस ने आज तक कभी किसी से अनुदान नहीं लिया और धार्मिक ग्रंथों को बहुत ही कम मूल्य पर वो बेचती है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ होनी है। मोदी इस कार्यक्रम के यजमान हैं। मोदी ने इस मौके पर खुद 11 दिन का विशेष अनुष्ठान शुरू किया है। इस दौरान वो यम नियम को मान रहे हैं। मोदी ने शुक्रवार को एक संदेश जारी कर देशवासियों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर को उत्साह से मनाने का आग्रह किया गया था। अयोध्या यानी रामनगरी में प्राण प्रतिष्ठा के दिन 8000 विशिष्ट अतिथि और साधु-संत शामिल होंगे। कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती ने भी अपना आशीर्वाद इस कार्यक्रम को दिया है।