इलाहाबाद: एक कर्मचारी को ऑफिस परिसर में पान मसाला/तंबाकू खाना महंगा पड़ गया. ऑफिस में पान मसाला खाने पर कर्मचारी का 2 साल का इंक्रीमेंट रोक दिया गया था.
इस कर्मचारी को कंपनी परिसर में पान मसाला खाते हुए पाया गया था, जिसके चलते कर्मचारी का 2 साल की वेतन वृद्धि को रोक दिया गया था.
जिससे नाराज कर्मचारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वहीं अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी की अपील पर फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने महोबा जिला प्रशासन के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कर्मचारी को ऑफिस परिसर में पान मसाला खाते हुए पाया गया था और उस कर्मचारी का दो साल का इंक्रीमेंट रोक दिया गया था.
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वेतन रोकना बड़ा दंड
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने मिथिलेश कुमार तिवारी की रिट याचिका स्वीकार की और इस पर आदेश पारित किया. कोर्ट ने कहा कि स्थायी रूप से 2 वेतन में वृद्धि को रोकना एक बड़ा दंड है. इसलिए याचिकाकर्ता को इस दंड से पहले कारण बताने का एक अवसर दिया जाना जरूरी था.
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कानून के हिसाब से करें कार्रवाई
हालांकि, मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता को महज ये कहकर कि उसके पास अत्याधिक मात्रा में तंबाकू/पान मसाला पाया गया. ऐसा कहकर कर्मचारी को दंड दिया गया. वहीं अदालत ने ये भी कहा कि प्रतिवादी की तरफ से नियमों का पालन करना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में ना तो याचिकाकर्ता को कोई आरोप पत्र दिया गया और ना ही किसी की भी गवाही ली गई. इसलिए कोर्ट इस दंड के आदेश को रद्द करती है. वहीं अदालत ने ये जरूर साफ कर दिया कि कानून के मुताबिक अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं.