नई दिल्ली :SC ने बिल्डर्स के खिलाफ़ बड़ा फैसला देते हुए कहा बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के बिना परियोजना अधूरी हो तो बिल्डर्स को RWA को मुआवज़ा देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि खरीददार को किये गए वादे के अनुसार प्रोजेक्ट के प्रारंभिक ढांचे में शिकायत और उसमें मौजूद सुविधाओं (जिनका वादा किया गया था) के बिना फ्लैट सौपे तो यानी प्रोजेक्ट के अधूरा होने की स्थिति में बिल्डर को RWA को मुआवजा देना होगा। SC ने नोएडा में रॉयल गार्डन सोसाइटी के बिल्डर पद्मिनी इंफ्रास्ट्रक्चर को RWA को 60 लाख रुपए का भुगतान का निर्देश भी दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रोजेक्ट अधूरा है तो RWA को रख-रखाव और प्रशासन का दायित्व देकर बिल्डर्स अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बायर्स को किये गए वादे सभी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के बिना परियोजना अधूरी हो तो बिल्डर्स को RWA को मुआवज़ा देना होगा।
दरअसल नोएडा में रॉयल गार्डन सोसाइटी के बिल्डर पद्मिनी इंफ्रास्ट्रक्चर ने 18 साल पहले बिना वाटर सॉफ्टनिंग प्लांट, हेल्थ क्लब और स्विमिंग पूल, फायर फाइटिंग सिस्टम के प्रोजेक्ट हैंडओवर कर दिया था। रियाल एस्टेट कंपनी ने नोएडा में रॉयल गार्डन सोसाइटी में 282 अपार्टमेंट की आवास परियोजना का निर्माण किया और 1998-2001 से कब्जा दिया था, 2003 में RWA का गठन हुआ और पंजीकृत किया।