भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनकी हसीन जहां के बीच चल रहे चार साल पुराने विवाद में अब जल्द फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अब सेशन कोर्ट को आदेश दिया है कि मोहम्मद शमी के खिलाफ दर्ज घरेलू हिंसा के मामले में जल्द सुनवाई की जाए। दरअसल, हसीन जहां ने मई में मोहम्मद शमी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और याचिका दायर करते हुए शमी पर गंभीर आरोप लगाकर गिरफ्तारी की मांग की थी। साथ ही हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट की ओर से दिए गए शमी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर सत्र न्यायालय की रोक को चुनौती भी दी थी।
दरअसल, मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने दो मई को अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से मोहम्मद शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा की याचिका दायर कराई थी। हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर दहेज की मांग, घरेलू हिंसा और बीसीसीआई के टूर के दौरान होटल के कमरों में वैश्याओं से अवैध संबंधों में शामिल होने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए थे।
हसीन जहां ने याचिका में कहा था कि इस केस में अलीपुर की एक कोर्ट ने 29 अगस्त 2019 को मोहम्मद शमी के गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इसके बाद शमी सत्र न्यायालय में फैसले को चुनौती दी। जहां शमी की गिरफ्तारी के साथ केस में आगे की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। इसके बाद उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां भी शमी की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया।
हसीन जहां ने अपनी याचिका में कहा था कि कानूनन मशहूर हस्ती को विशेष छूट नहीं देनी चाहिए। साथ ही कोर्ट के आदेश को साफतौर पर कानून के लिहाज से गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि चार साल के बाद भी यह केस आगे नहीं बढ़ रहा है।