शिवराज सरकार ने योजना के प्रचार पर एक दिन में फूंफे साढ़े 12 करोड़

shivraj singh chauhan

भोपाल: मध्य प्रदेश में बुधवार को जनपद पंचायत स्तर पर आयोजित मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना के कार्यक्रमों पर जनपद स्तर पर साढ़े 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर दी गई। इसकी गवाही सरकारी दस्तावेज दे रहे हैं।

राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के साथ अन्य गरीब तबके के परिवारों के लिए मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना की शुरुआत की। इस योजना में क्या-क्या लाभ मिलेंगे, इसका मुख्यमंत्री चौहान ने हरदा के टिमरनी में आयोजित कार्यक्रम में ब्यौरा दिया। मुख्यमंत्री चौहान के इस कार्यक्रम का जनपद स्तर से सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई।

इस आयोजन को सफल बनाने की कमान संभागायुक्तों से लेकर जिलाधिकारी, जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के अफसरों को दी गई। साथ ही भीड़ जुटाने का भी लक्ष्य दिया गया। श्रम विभाग की ओर से जारी पत्र आईएएनएस के हाथ आया है, उससे पता चलता है कि हर जनपद पंचायत को इस आयेाजन को सफल बनाने के लिए चार लाख रुपये तक खर्च करने का अधिकार दिया गया था।

आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि जनपद पंचायतों को यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक आयोजित करना था और आयोजित किया भी गया। आयोजन स्थल पर एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई, जिसके जरिए मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया। साथ ही ग्रामीणों को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए परिवहन, भोजन व पानी सहित अन्य व्यवस्थाएं भी की गई। इन आयोजनों में 5000 लोगों को बुलाने का लक्ष्य दिया गया था।

राज्य में 313 जनपद पंचायतें हैं, अगर स्वीकृत राशि को ही खर्च किया गया होगा, तो वह 12,52,00,000 से ज्यादा की राशि होती है। वहीं नगरीय निकायों या जिला स्तर व राज्य स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों का खर्च अलग है। इतना ही नहीं, आयोजन का संचार माध्यमों पर किए गए प्रचार पर करोड़ों का खर्च इसमें अभी जोड़ा नहीं गया है।

जिला पंचायत संघ के नेता डी.पी.धाकड़ ने आईएएनएस से कहा, “राज्य सरकार का जमीनी आधार खिसकने लगा है, लिहाजा वह पार्टी के प्रचार के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इन आयोजनों में सिर्फ भाजपा के नेताओं को बुलाया गया था, जबकि यह जन सामान्य से सीधे संपर्क करने का आयोजन था। आयोजन पर खर्च की गई राशि किसानों के खातों में डाल दी जाती तो किसानों को बड़ा लाभ होता।”

वहीं, आम किसान यूनियन के केदार सिरोही का कहना है कि यह सरकार सिर्फ टाइम पास करने में लगी है, कभी किसान तो कभी मजदूर और कभी गरीब के नाम पर कार्यक्रम आयोजित कर सिर्फ भीड़ जुटाने का काम करती है। हर बार एक ही तरह के आंकड़े दिए जाते हैं, इस तरह के आयोजन पर जो खर्च किया जाता है, अगर वह योजनाओं की मॉनीटरिंग पर खर्च किए जाएं, जमीन पर सरकार और अफसर पहुंचे तो हालात ही बदल जाएं। सरकार ऐसा न करके सिर्फ प्रचार पर जोर दे रही है, टीवी चैनल, अखबार विज्ञापनों से रंगे पड़े हैं।

राज्य सरकार द्वारा एक योजना पर करोड़ों का खर्च अजब-गजब मध्य प्रदेश के स्लोगन पर मुहर लगाने वाले हैं। वास्तव में किसान, गरीब और मजदूरों को कब हक मिलेगा, यह तो भगवान जाने। सरकार को प्रचार का सहारा लेने की बजाय जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए, मगर ऐसा कम ही होता दिख रहा है।

Previous articleसर्वोच्च न्यायालय का यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार
Next articleहिंसा के सभी रूपों का सबसे अच्छा जवाब है विकास : मोदी