सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से क्यों कहा- ‘क्या वायरस को पता है कि फ्लाइट में संक्रमण नहीं फैलाना है’

अयोध्‍या मामले की सुनवाई

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। लॉकडाउन के चौथे दौर में लगातार ढील दी जा रही है। पहले रलवे अब हवाई सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं। हालांकि कोरोना का संक्रमण अभी भी बरकरार है। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता सरकार की गाइडलाइंस में शामिल है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के एक फैसले पर सवाल उठाये हैं। कोर्ट का कहना है कि विमान में सटकर बैठना बड़े खतरे को दावत देना है। सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोर्ट ने कहा इसे बनाये रखना जरूरी है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार को इंसान के स्वास्थय से ज्यादा चिंता एयरलाइंस की है।

अदालत ने अपनी टिप्पणी में कहा कि बाहर 6 फीट की सोशल डिस्टेंसिंग है और आपने विमान की भीतर बीच की सीट खत्म कर दी। चीफ जस्टिस बेंच ने आगे कहा कि क्या वायरस को पता है कि फ्लाइट के भीतर संक्रमण नहीं फैलाना है।

कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल से बेंच ने पूछा कि आप किसके बारे में पक्ष रख रहे हो। तब सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दोनों का पक्ष रख रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 7 मई से इंटरनेशनल फ्लाइट चालू की गई हैं। इसके तहत 7 दिन का संस्थागत क्वारंटीन की व्यवस्था है और फिर सात दिन घर में अनिवार्य क्वारंटीन पर रखा जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि चाहे डॉमेस्टिक हो या इंटरनेशनल फ्लाइट दोनों में ही कोई फर्क नहीं है। आपको सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में सोचना होगा। ये कॉमनसेंस है। कोर्ट ने कहा कि बाहर तो 6 फीट की सोशल डिस्टेंसिंग रखने का नियम है और फ्लाइट के अंदर बीच की सीट खत्म कर दी? इस पर क्या कहा जाये

सरकार ने रखा अपना तर्क

सॉलिसिटर जनरल ने तर्क रखते हुये कहा कि क्वारंटीन की प्रक्रिया बेस्ट प्रक्टिस है। बेंच ने तब कहा कि क्या आप ये कहते हैं कि बीच की दूरी से किसी को फर्क नहीं होगा। क्या वायरस को पता है कि ये एयरक्राफ्ट है और यहां मुझे संक्रमण नहीं करना है। इसके अलावा चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि हम लोगों को लाने से नहीं रोक रहे हैं लेकिन बीच की सीट खाली रखें ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जा सके।

इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक्सपर्ट का फैसला है कि बीच की सीट खाली न रखी जाए। हमारे पास बहुत एयरक्राफ्ट नहीं है। फ्लाइट यूएस की है और ज्यादातर बुकिंग हो चुकी है। बीच वाली सीट खाली रखने से प्रोटोकॉल मुद्दा आएगा। फैमिली की सीट एक जगह है।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा 16 जून तक हो चुकी है बुकिंग

इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि अब आप बताएं कि क्या सभी सीट बुक कर रहे हैं? मिडिल सीट भी? तो सॉलिसिटर जनरल ने कहा- हां। बेंच ने पूछा कि किस तारीख तक बुकिंग है इस पर सॉलिसिटर जनरल ने 16 जून की तारीख बताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आमतौर पर हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में दखल नहीं देते। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि मुश्किल ये है कि पैसेंजर विदेश में हैं और उनके पास वैलिड टिकट है। बीच की सीट खत्म करने से लोगों को परेशानी होगी क्योंकि फैमिली साथ में सफर कर रही है। ऐसे में हम 10 दिन के लिए एयरइंडिया को इस बात की इजाजत देते हैं कि वह बीच वाली सीट के साथ फ्लाइट ऑपरेट करे। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश मुताबिक फ्लाइट का संचालन हो।

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