14 फरवरी को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्मदिन के अवसर पर विदेश मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का निर्णय़ लिया है।
विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में लिखा, हमें खुशी है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र को सुषमा स्वराज भवन और विदेशी सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस के रूप में बदलने का फैसला किया है. एक महान सार्वजनिक शख्सियत जो हमें हमेशा प्रेरित करती है, उसके लिए यह उचित श्रद्धांजलि है.
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भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के योगदान के लिए विदेश मंत्रालय ने 14 फरवरी को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर इसकी घोषणा की है। इससे पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था।
सुषमा स्वराज का छह अगस्त 2019 को 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। रात को घर पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा फिर उन्हें दिल्ली के ही एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा। 2018 में ही सुषमा स्वराज ने कहा था कि वह अब चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं।
विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज विदेशों में भी काफी लोकप्रिय थीं। उनके कार्यकाल के दौरान जिसने भी मदद मांगी, उसे उनकी मदद जरूर मिलती थी। चाहे वीजा को लेकर गुहार लगाई गई हो या फिर अन्य कोई मदद की दरकार।