विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शनिवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में पहुंची. सुषमा ने यहां भारत-मध्य एशिया संवाद में भाग लेने के लिए शिरकत की है. यहां पहुंचने पर उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुलअजीज कामिलोव ने उनका स्वागत किया.
भारत-केंद्रीय एशिया विकास समूह की स्थापना
संवाद में सुषमा स्वराज ने कहा कि अन्य देशों के साथ विकास साझेदारी में भागीदारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरा है. मैं इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए जी-टू-जी स्तर पर भारत-केंद्रीय एशिया विकास समूह की स्थापना करने का प्रस्तावित करती हूं.
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सुषमा स्वराज ने वार्ता में अफगानिस्तान की भागीदारी को लेकर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की मेजबानी के लिए मैं उज्बेकिस्तान का शुक्रिया अदा करती हूं, और 2020 में होने वाले अगले वार्ता की भारत को मेजबानी का मौका मिलता है तो यह काफी खुशी की बात होगी.
सुषमा ने कहा कि भारत देश ने अपने और मध्य एशियाई देशों के बीच विकास साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए भारत-मध्य एशिया विकास समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखा है. सभी देशों को इस G2G समूह में प्रतिनिधी बनाया जाएगा. भारत, ईरान और अफगानिस्तान के संयुक्त प्रयासों से ईरान में चाबहार पोर्ट का विकास हुआ, जो अफगानिस्तान को मध्य एशिया से जोड़ने के लिए संभावित था. हम 26 फरवरी को चाबहार दिवस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्य एशियाई देशों की भागीदारी को देखकर हमें काफी खुशी होगी.
सुषमा की उज्बेकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता
बता दें कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों में व्यापार,अर्थव्यवस्था,रक्षा और आईटी सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के उपायों को लेकर चर्चा हुई.
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ये देश हुए संवाद में शामिल
बता दें कि समरकंद में हो रहे इस संवाद की अध्यक्षता स्वराज और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुलअजीज कामिलोव कर रहे हैं. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी संवाद में विशेष आमंत्रित के रूप में भाग ले रहे हैं. इससे विदेश मंत्रालय ने बताया कि जिस सत्र के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है वह संपर्क के मुद्दे पर समर्पित है. इस संवाद में किरगिज रिपब्लिक, तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री और कजाखिस्तान के प्रथम उप विदेश मंत्री भी हिस्सा लेंगे.