बाजारों में इन दिनों दशहरी,चौसा, तोतापुरी, हाफूस, हिमसागर, लंगड़ा, रसपुरी, बायगनपल्ली, अल्फांसो और सिंधुरा जैसे आमों की बहार है। दक्षिण भारत के सुंदरी और तोतापुरी ज्यादा खाए जा रहे हैं जोकि 50 रुपए से लेकर 100 रुपए किलो तक मिल रहे हैं लेकिन आम की एक किस्म ऐसी भी है जोकि ढाई लाख रुपए प्रति किलो तक बिकती है।
देशभर में आम की 1500 से ज्यादा किस्में हैं। हर आम का स्वाद अलग होता है और उसी हिसाब से कीमत भी होती है लेकिन एक आम तो ढाई लाख रुपए किलो बिकता है। भोपाल के बाजार में कुछ खास दुकानों पर ये जबलपुर के आम मियाजाकी यानी टाइयो नो टमैंगो के नाम से जाना जाता है।
टाइयो नो टमैंगो की मिठास कुछ अलग होती है, शौकीन लोग इसे शक्कर से भी मीठा बताते हैं। इसमें रेशे बिल्कुल नहीं होते। एक आम 900 ग्राम से एक किलो तक होता है। पिछले साल यह दो से ढाई लाख प्रति किलो तक बिका था। विशेषज्ञों का कहना है पूरी तरह से पकने के बाद इस आम का रंग पीला और हल्का लाल सा हो जाता है। जापान में यह आम पॉली हाउस में उगाते हैं लेकिन जबलपुर के संकल्प सिंह परिहार ने इसे खुली जमीन पर उगाया है।