सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गलत आदेश अपलोड करने वाले तपन चक्रवर्ती को मिली जमानत

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कोर्ट की वेबसाइट पर गलत आदेश अपलोड करने के आरोपित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व कोर्ट मास्टर तपन चक्रवर्ती को जमानत दे दी है। एडिशनल सेशंस जज एमके नागपाल ने 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने तपन चक्रवर्ती से पर्याप्त पूछताछ कर ली है और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसलिए अब उसे हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है।

पिछले 18 अप्रैल को कोर्ट ने तपन चक्रवर्ती की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। तपन चक्रवर्ती ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत देने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने कहा कि खराब स्वास्थ्य को वेरिफाई नहीं किया गया है। मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट मास्टर यानि असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर तैनात थे। दोनों की जिम्मेदारी जजों द्वारा डिक्टेट किए गए आदेश को नोट कर उसे कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने की थी।

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दरअसल सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच की अवमानना के मामले में अनिल अंबानी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिया था। इन दोनों कोर्ट मास्टर ने जो आदेश अपलोड किया उसके मुताबिक अनिल अंबानी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं थी। इन कोर्ट मास्टर्स ने पिछले सात जनवरी को वह आदेश अपलोड किया था लेकिन बाद में एरिक्सन के वकील दुष्यंत दवे ने जब जस्टिस नरीमन का ध्यान इस तरफ दिलाया तो वे आश्चर्यचकित हो गए।

फिर उन्होंने 10 जनवरी को आदेश सही करवाकर अपलोड करवाया। उसके बाद जस्टिस आरएफ नरीमन ने इसकी शिकायत चीफ जस्टिस से की। मामले की जांच के बाद चीफ जस्टिस ने धारा-311 का उपयोग करते हुए दोनों को बर्खास्त कर दिया था। दोनों को दिल्ली पुलिस ने सात अप्रैल को गिरफ्तार किया था।

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