नई दिल्ली: श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए धमाकों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है. मंगलवार को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अपनी ‘अमाक न्यूज एजेंसी’ के जरिए हमलों की जिम्मेदारी ली. श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे.
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बता दें कि श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर गिरजाघरों और होटलों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 10 भारतीय नागरिकों की भी मौत हो हुई थी. कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘रविवार को हुए धमाकों में दो और अन्य भारतीयों ए. मारेगौड़ा और एच. पुत्ताराजू की मृत्यु की पुष्टि करते हुए दुख हो रहा है. इससे इन हमलों में मारे गए भारतीय लोगों की संख्या अब बढ़कर दस हो गई है.’
बता दें कि 7 आत्मघाती हमलावरों ने इन हमलों को अंजाम दिया था. इस द्वीपीय राष्ट्र में अभी तक के ये सबसे घातक हमले थे. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक के दौरान सोमवार आधी रात से आपातकाल लगाने का निर्णय भी लिया गया था.
इससे पहले बताया गया कि न्यूजीलैंड के शहर क्राइस्टचर्च में मुस्लिमों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में धमाके किए गए हैं. यह बात शुरुआती जांच में सामने आई थी. इस बात की जानकारी श्रीलंका के उप रक्षामंत्री ने दी थी. उन्होंने कहा था, जो भी श्रीलंका में हुआ उसके पीछे क्राइस्टचर्च में मुस्लिम पर हुआ हमला है’.
श्रीलंका सरकार ने कहा है कि ईस्टर के मौके पर रविवार को देश में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की वजह से हुई विनाश की घटना कल्पना से परे थी और खुफिया जानकारी पहले मिल जाने के बावजूद देश में बड़ी संख्या में मौजूद गिरजाघरों को सुरक्षा प्रदान करना तकरीबन ‘असंभव’ था. देश के रक्षा मंत्री हेमासिरी फर्नांडो ने मंगलवार को स्थानीय मीडिया से यह बात कही.