उत्तर प्रदेश की वो 14 सीटें जहां हर बार सपा-बसपा को मिली है हार

लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा ने अपनी 23 साल पुरानी दोस्ती को भुला दिया है और दोनों पार्टियों ने एकसाथ चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है.गठबंधन में सीटों का फॉर्मूला भी तय हो चुका है लेकिन सपा-बसपा के सामने यूपी की 14 सीटें अभी भी ऐसी हैं जहां आज तक सपा-बसपा जीत दर्ज नहीं कर सकी है. तो ऐसे में ये 14 सीटें कहीं गठबंधन का सिरदर्द न बन जाए.

कौन सी है वो 14 सीटें?

बता दें कि सपा-बसपा ने यूपी की 80 में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और बची हुई सीटों में से दो सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी है और अमेठी और रायबरेली की सीट पर अपने उम्मीदवार न उतारने का फैसला लिया है.

इन सीटों में कांग्रेस और बीजेपी के गढ़ शामिल हैं. जहां न तो बसपा का सर्वजन हिताय नारा काम आता है और न ही सपा का यादव-मुस्लिम का कार्ड काम करता है. इन सीटों में अमेठी-रायबरेली और वाराणसी के अलावा बागपत, हाथरस, मथुरा, पीलीभीत, बरेली, लखनऊ, अमेठी, रायबरेली, कानपुर, अकबरपुर (कानपुर देहात), धौरहरा, श्रावस्ती, कुशीनगर लोकसभा सीटें हैं.

ये भी पढ़ें- NSC के दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा,कांग्रेस ने कहा-संस्था की आत्मा को शांति मिले

पश्चिमी यूपी

इन सीटों में से बागपत, हाथरस और मथुरा की सीटें पश्चिम यूपी से आती है और यहां एक दौर में आरएलडी का कब्जा होता था लेकिन अब इन सीटों पर बीजेपी काबिज है. अगर सपा-बसपा के गठबंधन में आरएलडी को इन सीटों पर उतारा जाता है तो ये सीट गठबंधन के खाते में आ सकती हैं.

मुस्लिम बहुल सीटें

जाट लैंड सीटों के अलावा मुस्लिम बहुल सीटों पर भी सपा-बसपा कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई है. पीलीभीत, बरेली, श्रावस्ती और लखनऊ ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम मतदाता काफी निर्णायक भूमिका हैं. मौजूदा समय में इन सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. तो ये सीट भी सपा-बसपा के लिए चुनौती साबित हो सकती है.

इसके अलावा कांग्रेस के मजबूत गढ़ अमेठी-रायबरेली में तो सपा-बसपा अपने उम्मीदवार नहीं उतार रही है और इन सीटों को कांग्रेस के ही लिए छोड़ दिया गया है.

 

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles