लखनऊ: लापता विधवा रामजानकी की हत्या 27 अक्टूबर 2018 को ही प्रेमी विजेन्द्र कुमार यादव ने कर दी थी। करीब छह माह तक गुमशुदगी के मामले में सआदतगंज पुलिस ने कोई पड़ताल नहीं की। बूढ़ी मां बेटी की तलाश में रोजाना कोतवाली आती और फिर कोरे आश्वासन के बाद वापस लौट जाती। इंस्पेक्टर महेश पाल सिंह के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने फाइल अपने हाथ में ली। कॉल डिटेल के सहारे पड़ताल शुरू की तो परतें उधड़ने लगी। रडार पर आए प्रेमी विजेन्द्र को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ में आरोपित ने हत्या की बात कबूल ली। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर उसके आवास मानकनगर के मेहंदीखेड़ा में गड्ढा खुदवाकर रामजानकी का शव बरामद कर लिया।
इंस्पेक्टर ने आरोपित को जेल भेजने के साथ ही पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजा दिलाने की बात कही है।इंस्पेक्टर सआदतगंज महेश पाल सिंह ने बताया कि सआदतगंज के रामनगर इलाके में विधवा रामजानकी (28) दो बच्चों के साथ रहती थी। बीते 27 अक्टूब 2018 को वह घर से निकली तो वापस नहीं लौटी। घरवालों ने तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। बीते 1 नवम्बर को मां सुमित्रा देवी निवासी मण्डौली काकोरी ने गुड्डू बाबा नामक शख्स पर शक जताते हुए सआदतगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी। शुरुआत से ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि पुलिस एक ही रट लगाए रही कि रामजानकी बच्चों को छोड़कर किसी के साथ कहीं भाग गयी है। मामूली गुमशुदगी छोड़ पुलिस ने केस पर काम ही नहीं किया लेकिन पीड़ित मां सुमित्रा अक्सर कोतवाली बेटी की खोजबीन के लिए गुहार करने आती रही।
चंद दिन पहले इंस्पेक्टर को गुमशुदगी की जानकारी मिली। पुराने केस पर जमी परत को हटाने के साथ ही पुलिस ने अपहृत रामजानकी की कॉल डिटेल निकलवायी। कॉल डिटेल में विजेन्द्र नामक शख्स से लम्बी बातचीत का रिकार्ड मिला। पता किया गया तो जानकारी हुई कि विजेन्द्र पेशे से मजदूर है। इसके बाद पुलिस ने आरोपित विजेन्द्र कुमार यादव उर्फ मोटू निवासी मेहंदीखेड़ा मानकनगर को हिरासत में लिया।पुलिस ने पूछताछ की तो वह बरगलाने लगा। सख्ती करने पर आरोपित विजेन्द्र टूट गया और रामजानकी की हत्या का गुनाह कबूल कर लिया। आरोपित ने कबूला कि उसका रामजानकी से प्रेम प्रसंग था। बीते 27 अक्टूबर को रामजानकी उससे मिलने घर आयी थी। कुछ देर रूकने के बाद वह घर जाने की बात कहने लगी। इस दौरान विजेन्द्र नशे में था। विजेन्द्र ने उसे रात रूकने व सुबह जाने की बात कही। न मानने पर उनके बीच विवाद हुआ।
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बात बढ़ने पर नशे में विजेन्द्र ने सिर पर ईट से वारकर रामजानकी की हत्या की। उसके बाद आरोपित ने घर के आंगन में तीन फुट का गड्ढा खोदा। शव को कंबल में लपेटने के बाद गड्ढे में दफना दिया। आरोपित के इस खुलासे की जानकारी इंस्पेक्टर महेश पाल सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। एसीएम की इजाजत के बाद पुलिस मानकनगर के मेहंदीखेड़ा स्थित घर पहुंची और गड्ढा खुदवाकर शव बरामद किया। मां सुमित्रा देवी ने शव की पहचान बेटी रामजानकी के रूप में की। शव काफी सूख चुका था।रामजानकी गुमशुदगी केस में जांच अधिकारी श्रवण चन्द्र ने शुरूआत से ही लापरवाही बरती। अगर जांच अधिकारी व तत्कालीन इंस्पेक्टर केस पर ध्यान देते तो काफी पहले ही खुलासा हो जाता। इंस्पेक्टर ने बताया कि रामजानकी के गायब होने पर उसकी मां ने गुड्डू बाबा नामक शख्स पर शक जताया था।
कहा था कि रामजानकी बोलकर गयी थी कि गुड्डू बाबा ने उसे मिलने के लिए बुलाया है और वह रात होने से पहले आ जाएगी।इसके बाद गुड्डू ने 28 अक्टूबर को मां सुमित्रा को फोन कर पूछा कि क्या आपकी बेटी सुमित्रा गायब है। मां का कहना है कि बेटी के गायब होने की जानकारी गुड्डू को कैसे थी? इंस्पेक्टर का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। फिलहाल गुड्डू बाबा को अभी क्लीन चिट नहीं दी है। पुलिस ने केस में हत्या, शव छिपाने व एससी/एसटी एक्ट की धाराएं बढ़ा दी हैं। इंस्पेक्टर का कहना है कि वे रिपोर्ट बनाकर अफसरों के माध्यम से शासन को भेज रहे हैं, जिससे परिवार को एससी होने के चलते 8.50 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा मिल जाएगा।