उत्तराखंड । पूरी दुनिया प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर से बंद कर दिए जाएंगे। इसी के साथ उच्च गढ़वाल हिमालयी इलाके की इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा। वहीं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ का मानना है कि शुक्रवार को विजयादशमी के पावन अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर में परंपरागत पूजा पाठ के पश्चात पंचांग गणना की गई और इसके पश्चात कपाट बंद करने का मुहूर्त देखा गया। जिसके अनुसार शनिवार 20 नवंबर की शाम 6 :45 बजे मंदिर के द्वार भक्तों के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
शुभ मुहूर्त देखे जाने पर मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ-साथ देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी और तीर्थ पुरोहित भी उपस्थित रहे। चारों धामों में सिर्फ बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की तिथि ही निकाली जाती है और अन्य तीनों धामों की तिथि दीपावली के त्योहार से ही निर्धारित की जाती है। गंगोत्री मंदिर के कपाट दिवाली के अगले दिन पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व पर बंद किए जाते हैं। वहीं भैया दूज के पावन अवसर पर केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होते हैं। 20 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का समापन कर दिया जाएगा।
वहीं चारधाम यात्रा के सफलतापूर्वक संचालन पर ख़ुशी जाहिर करते हुए उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कपाट बंद होने तक यात्रा निर्बाध रूप से चलती रहेगी। इस वर्ष कोविड-19 के कारण से चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू की गई थी। जिसमें बृहस्पतिवार 14 अक्टूबर तक देश भर से 1,14,195 भक्त धामों में मत्था टेकने के लिए पहुंचे थे।