विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैयादूज के अवसर पर शीतकाल के दौरान अगले छ माह तक बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने को लेकर यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितो की तैयारी भी जोरो में है। इसके साथ ही माँ यमुना के मायके खरशाली गावं में मा यमुना का इन्तजार बेसब्री से रहता है, जहा माँ यमुना के खरशाली स्थित शीत कालीन मंदिर यमुना मंदिर को सजाने की प्रक्रिया भी जोरो पर है।
कपाट बंद होने के मुहूर्त में इस बार यमुना जी के कपाट दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर अभिजित मुहूर्त सरवान सिद्धि योग के तहत बंद किये गए। परम्परा अनुसार भैयादूज के पर्व पर यमुना जी के भाई शनि महाराज कल सुबह ही ग्रामीणों के साथ साढे आठ बजे खरशाली गावं से बहन यमुना जी को लेने यमुनोत्री को प्रस्थान करेंगे, जहा पूरी विधि विधान मंत्रोचारण के साथ पूजा अर्चना कर मुख्य पुजारी द्वारा कपाट बंद की प्रक्रिया की जाती है।
इसके बाद यमुनोत्री में शीतकालीन कपाट बंद कर 12 बजकर 33 मिनट में यमुना जी की डोली भाई शनि देव महाराज के साथ उनके मायके खरशाली गावं के लिए रवाना होगी, जहा गावं में खूब उत्सव के साथ यमुना जी का स्वागत कर शीत कालीन यमुना मंदिर अगले छ माह तक विराजमान रहेगी, इस साल के यात्रा काल में कुल 04 लाख 87 हजार श्रद्धालु यमुनोत्री धाम में पहुँच कर माँ यमुना के दर्शन कर पुण्य के भागी बने।