उप्र में थम गया पहले चरण का शोर, 11 को होगा मतदान, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार अभियान मंगलवार शाम को थम गया। प्रथम चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आठ सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच 11 अप्रैल को प्रातः सात बजे से अपराह्न छह बजे तक मतदान होगा। मतदान पार्टियां बुधवार को मतदेय स्थलों के लिए प्रस्थान करेंगी। प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्म देव राम तिवारी ने मंगलवार शाम को यहां बताया कि सूबे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर पहले चरण का मतदान होना है।

इसमें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। चुनाव मैदान में कुल 96 उम्मीदवार उन्होंने बताया कि प्रथम चरण की इन आठ संसदीय सीटों के लिए कुल 96 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सहारनपुर में कुल 11 उम्मीदवार, कैराना में 13, मुजफ्फरनगर में 10, बिजनौर में 13, मेरठ में 11, बागपत में 13, गाजियाबाद में 12 तथा गौतमबुद्ध नगर में कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। पहले चरण के लिए कुल 146 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिसमें से जांच के दौरान 49 पर्चे खारिज हो गये थे और एक उम्मीदवार ने नाम वापस ले लिया था।

मतदाताओं की कुल संख्या 1.50 करोड़ अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार प्रथम चरण के आठों संसदीय क्षेत्रों मतदाताओं की कुल संख्या 1.50 करोड़ है, जिनमें 82.24 लाख पुरुष, 68.39 लाख महिला और 1014 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 6716 मतदान केंद्र तथा 16581 मतदेय स्थल स्थापित किए गए हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होगा मतदान पहले चरण के मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी आज अपना एक्शन प्लान जारी कर दिया। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि प्रथम चरण के मतदान के लिए आठों संसदीय क्षेत्रों को 130 जोन व 1308 सेक्टर में बांट दिया गया है। इस चरण में 157 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स और 35 कंपनी पीएसी समेत एक लाख पांच हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

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कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर पहले चरण के मतदान में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री चैधरी अजित सिंह, उनके बेटे जयंत चौधरी और दो वर्तमान केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह और डा0 महेश शर्मा भी शामिल हैं। रालोद प्रमुख अजित सिंह मुजफ्फरनगर सीट पर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार हैं, तो उनके बेटे जयंत बागपत सीट से भाग्य आजमा रहे हैं। जयंत को निवर्तमान भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चैधरी मोहकम कड़ा टक्कर दे रहे हैं। केंद्र सरकार के मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह अपनी पुरानी सीट गाजियाबाद से फिर भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला गठबंधन के सुरेश बंसल और कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा से है।

दूसरे केंद्रीय मंत्री डा0 महेश शर्मा एक बार फिर गौतमबुद्धनगर (नोएडा) सीट से भाजपा की तरफ से मैदान में हैं। उधर, सहारनपुर में भाजपा ने मौजूदा सांसद राघव लखन पाल पर ही विश्वास जताया है। उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के इमरान मसूद से है। कांग्रेस सहारनपुर सीट को अपनी मानती है। यह सीट मुस्लिम बहुल्य मानी जाती है। गठबंधन की तरफ से यह बसपा के खाते में है और मायावती ने यहां से हाजी फजर्लुर रहमान को टिकट दिया है। वहीं शिवपाल ने अपने दल से मो0 उवैस को मैदान में उतारकर यहां की लड़ाई को बहुकोणीय बनाने की कोशिश की है।

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