लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा राष्ट्रीय लोकदल के बीच हुए गठबंधन की पहली परीक्षा बृहस्पतिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर होगी। यहां आठ में से छह सीटों पर रालोद नेता चौ.अजित सिंह गठबंधन धर्म निभाएंगे या कांग्रेस के अहसान का बदला चुकाएंगे यह भी एक बड़ा सवाल है। अंतिम दौर में जहां चुनावी समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं चुनाव भी रोचक हो गया है। उत्तर प्रदेश में दो धुर विरोधी राजनैतिक दल रहे बहुजन समाज पार्टी व समाज वादी पार्टी ने प्रदेश में हुए उपचुनाव के दौरान दुश्मनी भुलाकर गठबंधन किया था और उपचुनाव में अपने इस प्रयोग से भाजपा को आइना दिखा दिया था।
उपचुनाव से शुरू हुए इस गठबंधन को क्या लोकसभा चुनाव में भी सफलता मिलेगी, इसका पहला इम्तहान बृहस्पतिवार 11 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होना है। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों सहारनपुर, कैराना, मुज्जफरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में चुनाव हो रहा है और यहां इस गठबंधन में बसपा व सपा के साथ राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल है और दो सीटों बागपत व मुज्जफरनगर में कांग्रेस भी गठबंधन प्रत्याशियों का समर्थन कर रही है। इस बार उपचुनाव से स्थिति काफी भिन्न है, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण जहां काफी उलझे हुए हैं तो वहीं गठबंधन यहां बंटा हुआ भी दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस यहां बागपत व मुज्जफरनगर में गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर राष्ट्रीय लोकदल के चौ.अजित सिंह व उनके पुत्र जयंत चौधरी के खिलाफ अपने प्रत्याशी ना खड़े कर उनका समर्थन कर रही है साथ ही बाकी छह सीटों पर चौ.अजित सिंह से मदद की उम्मीद भी कर रही है। बाकी सीटों पर जाट मतदाताओं की संख्या चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में है और काफी जाट मतदाताओं पर आज भी चौ.अजित सिंह की पकड़ मानी जाती है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि छह सीटों पर चौ.अजित सिंह का वोट बैंक माने जाने वाले जाट मतदाताओं का समर्थन कांग्रेस को मिलेगा या फिर सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों को मिलेगा।
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चौ अजित सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने प्रभाव वाली छह सीटों पर गठबंधन का धर्म निभाएंगे या फिर कांग्रेस के अहसान का बदला चुकाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उक्त आठ सीटों में से सहारनपुर, गाजियाबाद व बिजनौर लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस प्रत्याशी गठबंधन प्रत्याशियों को कड़ा मुकाबला दे रहे हैं। इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी रोड शो भी कर चुकी हैं। सहारनपुर में कांग्रेस के इमरान मसूद व बिजनौर में कांग्रेस के नसीमुददीन सिददकी को मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है, ऐसे में इन सीटों पर यदि चौ.अजित सिंह का थोड़ा भी समर्थन कांग्रेस को मिल जाता है तो चुनाव परिणाम का रुख बदल सकता है।