पार्टी में जो नेता 75 की उम्र पार कर चुके हैं उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं: अमित शाह

नई दिल्ली:  ‘भारत के मन की बात’ अभियान का आगाज करते हुए अमित शाह ने मोदी सरकार के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का बखान किया. दरअसल, इस कैंपेन के जरिए बीजेपी के कार्यकर्ता देशभर में 7 हजार बॉक्स लगाएंगे और करीब 10 करोड़ परिवारों से राय मांगी जाएगी. इन परिवारों से पूछा जाएगा कि वह कैसा भारत चाहते हैं और फिर उनकी राय को चुनावी संकल्प पत्र में शामिल किया जाएगा.

उम्र दराज नेताओं पर बोले शाह

दिल्ली में रविवार को इस अभियान का आरंभ करते हुए अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की तारीफ की, और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उम्रदराज नेताओं पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो नेता 75 साल की उम्र को पार कर चुके हैं, उन्हें किसी प्रकार का काम करने की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी.

हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या ऐसे नेता आगामी चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं, तो इस पर उन्होंने कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दिया और चर्चा किए जाने की बात कही. बता दें कि उम्र सीमा को लेकर पहले भी अमित शाह के हवाले से चुनाव लड़ने पर पाबंदी की खबरें आती रही हैं. हालांकि, बाद में ऐसी चर्चाओं को दरकिनार करते हुए 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट भी दिए गए. लेकिन यह मसला विधानसभा चुनाव से जुड़ा था. अब जबकि लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में अमित शाह का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी में इस वक्त लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार, करिया मुंडा, लीलाधर वाघेला और प्रभात सिंह चौहान समेत कई ऐसे सांसद हैं, जो फिलहाल लोकसभा सदस्य हैं और उनकी उम्र 75 को पार कर चुकी है. ऐसे में अगर पार्टी 75 साल से ज्यादा उम्र वाले नेताओं के चुनाव लड़ने संबंधी कोई फैसला लेती है तो उस फेहरिस्त में ये नाम भी देखने को मिल सकते हैं.

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