खुफिया ब्यूरो निदेशक और रिसर्च एनालिसिस विंग के सचिव का कार्यकाल बढ़ा, सरकार ने इसलिए लिया ये फैसला

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने खुफिया ब्यूरो निदेशक (IB) और रिसर्च एनालिसिस विंग (RAW) के सचिव का कार्यकाल 30 जून 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है. यह दोनों अधिकारी 30 जून 2021 को सेवानिवृत्त (रिटायर) होने वाले थे. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार अभी कुछ और अधिकारियों के सेवाकाल में विस्तार दे सकती है.

केंद्र सरकार की तरफ से जारी आदेशों के मुताबिक, खुफिया ब्यूरो में निदेशक पद पर तैनात 1984 बैच के असम मेघालय कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है. केंद्र सरकार के आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यह सेवा विस्तार उन्हें 30 जून 2021 के बाद के लिए दिया गया है.

इसी प्रकार रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में तैनात 1984 बैच के पंजाब कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सामंत कुमार गोयल को भी एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है. इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों अधिकारी इन दोनों डिवीजनों में पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से तैनात थे और उन्होंने विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी थी. दोनों अधिकारियों का कार्यकाल 30 जून 2021 को समाप्त हो रहा था.

केंद्र सरकार का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब 3 दिन पहले सीबीआई निदेशक के पद का चयन होते समय देश के मुख्य न्यायाधीश ने ऐसे तमाम अधिकारियों को सूची से बाहर करने का निर्णय लिया था, जिनका सेवाकाल 6 माह से कम बचा था. इसके चलते 1984 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और वाईसी मोदी दोनों ही सीबीआई निदेशक पद की दौड़ से बाहर हो गए थे.

माना जा रहा है कि केंद्र सरकार को कहीं ना कहीं लग रहा था कि कहीं ऐसा ना हो कि इन मामलों में भी कोई सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दे और सुप्रीम कोर्ट से उस बारे में कोई निर्णय सुना दिया जाए. लिहाजा सीबीआई निदेशक के नाम की घोषणा होते ही केंद्र सरकार ने अगले 24 घंटों में तत्काल निर्णय लेते हुए इन दोनों अधिकारियों को एक साल का सेवा विस्तार प्रदान कर दिया है.

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