नई दिल्ली: यूपी के कन्नौज से पिता द्वारा अपने ही बेटे को बेचने का मामला सामने आ रहा है. पिता को ऐसा कदम गरीबी और लाचारी की वजह से उठाना पड़ा. अपनों की जान बचाने के लिए घर और जमीन को बेचते हुए तो सुना होगा, लेकिन कोई अपने बेटे को बेच दे ऐसा शायद पहली बार आप सुन रहे होंगे. एक युवक ने प्रसव पीड़ा से जूझ रही पत्नी और उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान बचाने के लिए इलाज के लिए पैसे कम पड़ने पर अपने ही एक बेटे का सौदा कर दिया.
यह घटना कन्नौज के सौरिख थानाक्षेत्र के गांव बरेली दारापुर की है. जब गरीब युवक की बीमार पत्नी को जिला हॉस्पीटल में भर्ती करने से मना कर दिया गया तो, युवक ने अपनी पत्नी और पेट में पल रहे बच्चे की जान बचाने के लिए अपने ही बेटे को बेचने का प्रयास किया. जब इस बात की जानकारी पुलिस को मिली तो वह चौकी प्रभारी बृजेंद्र कुमार से साथ मौके पर पहुंच गई. परिवार की हालत जानने के बाद चौकी प्रभारी ने बीमार पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया और उसके इलाज का पूरा खर्चा उठाने की बात कही.
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अरविंद बंजारा अपनी पत्नी, एक चार साल की बेटी रोशनी और एक दो के बेटे जानू के साथ गांव में रहते हैं यह बेहद गरीह हैं. बुधवार की सुबह अचानक पत्नी सुखदेवी को तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. जिसके बाद वह अपनी पत्नी को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गया. जहां पर डॉक्टरों ने उसके शरीर में खून की बेहद कमी बताई और उसको कन्नौज के जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया लेकिन वहां उसको भर्ती नहीं किया गया.
अरविंद का आरोप है कि, कन्नौज के जिला अस्पताल में नर्सों ने उससे 25 हजार रुपये की मांग की. पैसे न होने पर वह पत्नी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचा लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उसको वहां भर्ती करने से मना कर दिया. पत्नी के इलाज के लिए पैसे न होने के कारण अरविंद ने अपने एक साल के बेटे जानू को बेचने का फैसला ले लिया.
अरविंद मेडिकल कॉलेज के गेट पर आकर एक युवक से बच्चे का सौदा करने लगा. अरविंद ने पत्नी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचाने के लिए 30 हजार रुपये में सौदा किया, लेकिन खरीददार 25 हजार रुपये देने को राजी हुआ. तभी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई.