जम्मू-कश्मीर में निरंतर गैर मुस्लिमों को निशाना बना कर उनकी हत्याओं के मामले बढ़ते जा रहे है। जिसके वजह से कश्मीरी पंडित और गैर मुस्लिम समुदाय के लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने वाले आतंकी हमलों के मद्देनजर उनके डर को दूर करने के लिए सरकार ने जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है और उन्हें 10 दिनों का अवकाश दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडित और अन्य सभी गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को शुक्रवार से लगातार 10 दिनों की आधिकारिक अवकाश दे दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक , कश्मीर में काम करने वाले गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को 10 दिनों का विशेष अवकाश इसलिए दिया गया है ताकि वे त्योहारों को मना सकें और अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे आतंकी हमलों की वजह से जो डर है, उससे थोड़ी राहत पा सकें। प्रशासन का यह प्रयास है कि इस कदम से अल्पसंख्यक समुदाय के मन में बैठा डर कुछ हद तक घटेगा ।
आपको बताते चलें कि जल्दी के आतंकी हमलों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने के बाद यहां इस कदर डर फ़ैल गया है कि कई परिवार जान बचाने के लिए जम्मू से पलायन कर रहे हैं। इन कश्मीरी पंडितों ने दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने की मांग की है। हमलों के विरुद्ध जम्मू में कई जगह प्रदर्शन हुए।
पिछले दिनो में जम्मू-कश्मीर में 5 दिनों में ही आतंकवादियों ने 7 लोगों की हत्या कर दी । इनमें से 4 अल्पसंख्यक समुदाय के थे और 6 हत्याएं ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में हुईं। बीते दिनों जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने ईदगाह इलाके में स्थित एक विद्यालय में हमला कर दिय़ा था और इस हमले में विद्यालय की प्रधानाध्यापक और शिक्षक की मृत्यु हो गई है। दोनों ही गैर मुस्लिम थे।