चेन्नईः 22 मई को तूतीकोरिन में पुलिस गोलीबारी के दौरान 13 लोग मारे गए थे. जिस पर मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है और सीबीआई को इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं. इन लोगों ने स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. इस मामले में अदालत ने छह प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा में उनकी भूमिका के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया है.
इस तांबा प्रगालक संयंत्र पर वेदांता लिमिटेड का मालिकाना हक है और यह यहां से 650 किलोमीटर दूर तूतीकोरिन में स्थित है. यहां पुलिस गोलीबारी में करीब 60 लोग घायल हो गए थे.
मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने इससे पहले मीडिया को बताया था कि तूतीकोरिन में लोग लंबे अरसे से कंपनी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उस वक्त विपक्ष व असामाजिक तत्वों ने आंदोलन को हिंसक रूप दे दिया. लोगों का आरोप था कि इस संयंत्र से उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है और पानी दूषित हो रहा है. उन्होंने कहा, “इस उकसावे के कारण ही कई लोगों की जान गई थी और हम इन मौतों को लेकर वास्तव में दुखी हैं”