बीते काफी लंबे समय से केंद्र सरकार के साथ चल रही तनातनी के बीच ट्विटर को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. भारत में नए आईटी नियमों के पालन को लेकर ट्विटर और मोदी सरकार के बीच लगातार तकरार जारी है. एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि बीते चार महीनों में ट्विटर के शेयर 25 प्रतिशत तक गिर गए हैं.
दरअसल सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय ने देशभर में फेक न्यूज पर एक्शन लेने के लिए नए सोशल मीडिया साइटों को आईटी नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए थे. जिसके अनुसार भारत में ट्विटर को मिला कानूनी संरक्षण खत्म हो गया है. अब ट्विटर पर थर्ड पार्टी कंटेंट के फेक होने की दशा में भारतीय कानून संहिता (IPC) की धारा के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
इस बीच सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार के साथ हो रही तकरार के बीच ट्विटर को भारी नुकसान का खामियाजा उठाना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में ट्विटर का शेयर बुधवार को 59.93 अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है जो इस साल 26 फरवरी को 52 हफ्ते के सबसे ज्यादा 80.75 डॉलर पर था. रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर के शेयरों में 25.78% की गिरावट दर्ज की गई है.
भारत सरकार के साथ ट्विटर की तकरार बीते साल नवंबर में शुरू हो गई थी, जब ट्विटर ने लेह को लद्दाख की जगह जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखा दिया था. जिसे लेकर केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस तक भेज दिया था और देशभर में सोशल मीडिया पर #BanTwitter ट्रेंड होने लगा था.
इसके बाद किसान आंदोलन के समय भारत सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजकर बड़ी संख्या में कुछ अकाउंट्स को बैन करने के लिए कहा था जो किसान आंदोलनों से जुड़े हुए थे. भारत सरकार का कहना था कि यह सभी अकाउंट्स पाकिस्तान के सहयोग से खालिस्तान समर्थकों की ओर से चलाए जा रहे हैं. जिस पर कोई प्रतिक्रिया ना देने पर सरकार ने ITAct एक्ट के section 69A के तहत कार्रवाई की बात कही गई थी.
हालांकि तब तक ट्विटर के शेयरों में उछाल देखने को मिला था. वहीं भारत सरकार से टकराव की स्थिति में ट्विटर ज्यादा देर खुद को संभाल नहीं सका और बीते 13 मई को ट्विटर के शेयर 50 डॉलर के करीब तक गिर गए. हालांकि वर्तमान में कुछ सुधार के साथ ट्विटर के शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में बुधवार को 59.93 अमेरिकी डॉलर पर बंद हुए हैं.