नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘जाएद मेडल’ से नवाजेगा। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान भारत और यूएई के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाई पर पहुंचे हैं और इस द्विपक्षीय संबंध को नया आयाम देने में पीएम मोदी की अहम भूमिका रही है। इससे पहले यह सम्मान महारानी एलिजाबेथ, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, व्लादिमीर पुतिन, निकोलस सरकोजी, शी जिनपिंग और एंजेला मर्केल को मिल चुका है।
यूएई का यह अहम सम्मान ज्यदातार पी-5 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मिला है, लेकिन पीएम मोदी का नाम अब इस अहम लीग में शुमार हो गया है। यह सम्मान दोनों देशों के रिश्तों में आई मजबूती और विश्वास को दर्शाता है। हाल के वर्षों में व्यापारिक रिश्ते में ही नहीं बल्कि सामरिक क्षेत्र में भी यूएई के साथ भारत की भागीदारी बढ़ी है। दोनों देश आपसी हित के जुड़े क्षेत्रों में आपसी सहभागी बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
इससे पहले फरवरी में पीएम मोदी को सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं। प्रधानमंत्री मोदी को उनकी आर्थिक नीतियों, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और विकासोन्मुखी कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया। पीएम मोदी ने इसे 130 करोड़ भारतीयों का सम्मान बताया। पीएम मोदी से पहले यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिवों कोफी अन्नान और बान की-मून को भी मिल चुका है।
दक्षिण कोरिया में पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के भारतीय दर्शन का जिक्र किया और कहा कि इसके तहत पूरी दुनिया को एक परिवार के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश और पिछले 5 साल में अर्जित इसकी सफलता के लिए है, जिसमें 130 करोड़ लोगों का योगदान है।