ब्रिटेन के इतिहास में 750 सालों में पहली बार महिला बनेगी चीफ जस्टिस

ब्रिटेन के इतिहास में 750 सालों में पहली बार महिला बनेगी चीफ जस्टिस
ब्रिटेन की अगली लॉर्ड चीफ जस्टिस का पद एक महिला को मिल सकता है। ब्रिटेन के 750 से अधिक सालों की न्यायिक प्रणाली के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। इस पद की स्थापना होने के बाद से आज तक कोई महिला इस पद पर नहीं बैठी है। दो महिला जज इस पद के लिए उम्मीदवार हैं। इनमें 58 साल की डेम सू कैर और 67 साल की डेम विक्टोरिया शार्प शामिल हैं। चूंकि लॉर्ड चीफ जस्टिस मौजूदा समय में केवल पुरुषों की ओर से उपयोग की जाने वाली उपाधि है, इसलिए, चर्चा है कि ब्रिटिश संवैधानिक कानून को ‘लेडी चीफ जस्टिस’ टाइटल के साथ बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
लॉर्ड चीफ जस्टिस का पद पहली बार 1268 में सृजित किया गया था। इस पद पर अब तक 100 से अधिक पुरुष रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि लॉर्ड चांसलर एंड जस्टिस सेक्रेटरी एलेक्स चाक की ओर से अगले दो सप्ताह के भीतर पद पर पहली महिला लॉर्ड चीफ जस्टिस के नाम की घोषणा हो सकती है। चाक और प्रधामंत्री सुनक के अंतिम निर्णय को राजा की ओर से अनुमोदित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लॉर्ड चीफ जस्टिस के लिए सबसे आगे डेम विक्टोरिया शार्प चल रही हैं।
भारत में भी अब तक कोई महिला मुख्य न्यायाधीश नहीं है। लेकिन साल 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश मिल सकती हैं। अनुमान है कि वरिष्ठता के आधार पर न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना 2027 में भारत की पहली मुख्य न्यायाधीश हो सकती हैं। नागरत्ना को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अगस्त 2021 सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया था।
गौरतलब है कि, हाल में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में बताया था कि अब तक सुप्रीम कोर्ट में कुल 11 महिला न्यायाधीशों की ही नियुक्ति की गई है। कानून और न्याय मंत्रालय की ओर से संसद को मार्च 2023 में सूचित किया गया था फिलहाल देश के किसी भी उच्च न्यायालय में कोई महिला मुख्य न्यायाधीश नहीं है।
मंत्रालय की ओर संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, अभी तक, 775 कार्यरत न्यायाधीश हैं, जिनमें से 106 महिलाएं हैं।
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