ये बयान बताते है अबकी अयोध्या में कुछ बड़ा होने वाला है !

फाइल फोटो
फाइल फोटो

अयोध्या में साधु, संतो और शिवसेना की आमद से, इकबाल अंसारी सुरक्षा मांगते हैं. कुछ दिनों बाद कानून बनाकर मंदिर बनाने में ऐतराज से इंकार कर देते हैं। विहिप ‘रामलला के वास्ते, खाली कर दो रास्ते’ का यलगार करती है।

संघ के सरकार्यवाहक भैया जी कहते हैं ‘टेंट में रामलला का यह मेरा अंतिम दर्शन है’। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सुब्रमण्यमं स्वामी दावा करते हैं, अगली बार काशी आउंगा तो राम मंदिर बन चुका होगा।शिवसेना के लोग प्रदेश के कई शहरों में राम मंदिर निर्माण के पोस्टर लगा देते हैं।

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता

ढ़ाई दशक बाद बड़ा जमावड़ा, बढ़ी सुगबुगाहट

इतने सारे घटना क्रम क्या यूं ही घट रहे हैं। क्या ये सब उपक्रम और घटनाक्रम आने वाले दिनों की सुगबुगाहट है। ऐसे में सवाल उठता है आखिर 24-25 नवंबर को अयोध्या में क्या कोई उम्मीद से बड़ा बदलाव होने वाला है, जो इतिहास बन जाएगा।

सबके बदल गए ‘बोल बचन’

इकबाल अंसारी, मुद्दई बाबरी मस्जिद
इकबाल अंसारी, मुद्दई बाबरी मस्जिद
इकबाल अंसारी ने कहा था. ‘24-25 अक्टूबर को शिवसेना और साधु, संतो के आने से अयोध्या में हालत खराब हो सकते हैं। 1992 जैसे हालात बने तो मुस्लिमों के लिए खतरनाक होगा।’ 
20 नवंबर ‘केंद्र सरकार अगर राम मंदिर बनाने के लिए सदन में कानून बनाती है, तो हमें कोई एतराज नहीं है’।

 

भैया जी जोशी, सरकार्यवाहक
भैया जी जोशी, सरकार्यवाहक

संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा, ‘हमारे लिए तिरपाल में श्रीराम लला का यह दर्शन अंतिम है। ऐसी स्थिति बने कि भव्य मन्दिर में दर्शन हो ऐसी अपेक्षा करता हूं। साधू संतों के आह्वान पर धर्म सभाएं हो रही हैं। हम सब हिंदू और राम भक्त होने के नाते इन सभी धर्म सभाओं में सम्मिलित होंगे।’

 

उद्धव ठाकरे, अध्यक्ष शिवसेना
उद्धव ठाकरे, अध्यक्ष शिवसेना

मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अयोध्या कूच की रणनीति पर मुहर लगाते हुए, नया नारा दिया, ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार.’ उद्धव ठाकरे सौ नेताओँ और 50 हजार कार्यकर्ताओँ की टीम लेकर अयोध्या पहुंचेंगे.

 

 

सुब्रमण्यम स्वामी, राज्यसभा सांसद
सुब्रमण्यम स्वामी, राज्यसभा सांसद

‘अगर कोई सरकार राम मंदिर के मामले में ठोस पहल कर सकती है और राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त कर सकती है तो वो सिर्फ वर्तमान में केंद्र की बीजेपी सरकार है. चुनाव के वक्त लोगों को राम मंदिर पर काफी कुछ कहकर बहकाया जाएगा, लेकिन लोगों को राम मंदिर के साथ साथ मोदी सरकार पर भी अपना विश्वास बरकरार रखना चाहिए. अगली बार बीएचयू में किसी कार्यक्रम में आने से पहले मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा.’

 

राजकुमार सिंह, असिस्टेंट एडिटर, नभाटा
राजकुमार सिंह, पॉलिटिकल एडिटर, नभाटा, लखनऊ

राजनीति के जानकर और नवभारत टाइम्स लखनऊ के पॉलिटिकल एडिटर राजकुमार सिंह कहते हैं, पूरी कवायद सिर्फ तीन बातों के लिए है। सुप्रीम कोर्ट पर जन दबाव बढ़ाना, केंद्र सरकार पर अध्यादेश पर निर्णय लेने और हिंदू भावनाओं को राममंदिर के प्रति जगाना, जिसमें बीजेपी और आरएसएस मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही राममंदिर के बहाने हिंदुओं का आक्रोश नापने का एक बड़ा प्रयोग है।

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