लखनऊ: बात तो सियासत की है, लेकिन फटाफट क्रिकेट का अंदाज इसपर ज्यादा सटीक बैठता है. मामला है एक गुगली का. ये गुगली फेंकी है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने और सामने हैं भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण. इस गुगली पर रावण छक्का लगा पाते हैं, या हिट विकेट होते हैं, ये रविवार यानी कल दोपहर तक साफ होने जा रहा है.
योगी की जबरदस्त गुगली ?
दरअसल, यूपी में सियासत की पिच पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने रासुका के तहत 16 महीने जेल में काटने के बाद 14 सितंबर को रिहा होने पर बीजेपी विरोधी बयानों के रनों का अंबार लगा दिया. 2019 के फाइनल में बीजेपी के उम्मीदवारों को शून्य पर पैवेलियन पहुंचाने की ताल रावण ठोक चुके हैं. जमकर बैटिंग कर रहे रावण को अब योगी आदित्यनाथ ने खुद गुगली फेंकने का इरादा बनाया है. वो रविवार (30 सितंबर) को खुद रावण की तैयार की गई पिच यानी सहारनपुर में उतरने जा रहे हैं. मुख्य्मन्त्री का कार्यक्रम पहले 26 को मुजफ़्फ़रनगर में होना था, मगर जरूरत सहारनपुर की ज्यादा जरूरी महसूस करते हुए प्रोग्राम शिफ़्ट कर दिया गया.
योगी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गरम सियासत के केन्द्र सहारनपुर में 4-5 घंटे मौजूद रहेंगे. नाम को अफ़सरो की समीक्षा बैठक भी होगी मगर असल काम सियासी हालात समझना है. इसके लिए पश्चिमी यूपी में भाजपा के सभी प्रमुख पदाधिकारी योगी के सामने तलब किए गये हैं. ये सब बताएंगे कि कैराना जैसी हार ना हो इसके लिए क्या किया जाए और दलित राजनीति में आये उबाल का फ़ायदा पार्टी कैसे उठाए.
योगी की इस सियासी गुगली पर रावण किस तरह की बैटिंग करते हैं, उस पर सबकी नजर है. अगर रावण ने फ्लैट बैट से योगी की गुगली खेली, तो बीजेपी विरोधी सपा, बीएसपी और अन्य दलों के लिए वो बेकार के बैट्समैन साबित होंगे और डर इस बात का है कि कहीं गुगली को छक्के में बदलने के चक्कर में वो हिट विकेट आउट न हो जाएं. ऐसे में रावण के लिए शनिवार का दिन काफी अहम है. क्योंकि अगर खुद की बनाई पिच (सहारनपुर) में योगी आदित्यनाथ की गुगली रावण झेल न सके, तो उनकी भविष्य में किसी विपक्षी पारी में खेलने की गुंजाइश को ग्रहण लग सकता है.
मायावती को रनर समझकर रावण ने की थी गलती
बता दें कि रावण ने जेल से बाहर आते ही बीजेपी विरोधी बैटिंग शुरू कर दी. इस दौरान उन्होंने पिच के दूसरी तरफ खड़ी बीएसपी अध्यक्ष मायावती को बुआ कहा. शायद रावण को लगा कि मायावती रनर्स एंड पर हैं. वो ये भूल गए कि मायावती ओपनर हैं. ऐसे में मायावती ने चंद्रशेखर रावण को साफ कर दिया कि वो न तो किसी की बुआ हैं और न ही बहन. यानी बीएसपी प्रमुख ने साफ कर दिया कि पहले रावण बैटिंग करके दिखाएं कि कितने चौके-छक्के वो सियासी पिच पर जड़ सकते हैं. क्योंकि इक्का-दुक्का रन लेने वाले कभी मायावती की टीम के खिलाड़ी नहीं रहे हैं.
शायद रावण ने मायावती की कप्तानी गौर से देखी नहीं. एक जमाने में मायावती की टीम में रहकर जो लोग चौके-छक्के जमकर मारते थे, वे जब रन बनाने में नाकाम रहने लगे या इक्का-दुक्का रन लेकर स्कोर बोर्ड को गड़बड़ करने लगे, तो मायावती ने उन्हें भी एक-एक कर टीम से दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंका.