लखनऊ, राजसत्ता एक्सप्रेस। यूपी में मंगलवार का दिन बस की सियासत के नाम रहा। प्रवासी मजदूरों के लिये कांग्रेस द्वारा दी गयी एक हजार बसों की लिस्ट से सियासी संग्राम छिड़ गया। यूपी सरकार और कांग्रेस में दिनभर तू-तू मैं-मैं चली। योगी सरकार के अफसरों ने बसों की कुंडली निकाली तो मामला और उलझ गया। इनमें 70 ऐसी बसें थीं जिनका कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है। वहीं बसों की लिस्ट में कई ऑटो, एंबुलेंस और ट्रक जैसे वाहन थे। फिर क्या राज्य सरकार ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर फर्जीवाड़े का आरोप जड़ दिया।
यूपी परिवहन विभाग के मुताबिक तकरीबन 492 वाहनों की पड़ताल की गई है। इनमें 59 बसें अनफिट हैं और 29 का इंश्योरेंस नहीं हैं। इन बसों की लिस्ट में 31 ऑटो, 69 एंबुलेंस और ट्रक जैसे वाहन हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने दावा किया था प्रियंका गांधी के ऑफिस की तरफ से मिली लिस्ट में कई नंबर मोटरसाइकिल, कार और ऑटो के हैं। यही नहीं इसके बाद यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को लिखे खत में कहा कि 500 बसें गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा में उपलब्ध करा दीजिए। सभी बसों को जिलों के जिलाधिकारी रिसीव करेंगे। इसके बाद यूपी सरकार और कांग्रेस के बीच लेटर वार छिड़ गया।
इस बीच आगरा में बसों को प्रवेश की अनुमति न दिए जाने के बाद ये मुद्दा फिर गरमा गया। प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को एक बार फिर पत्र लिखा। गृह सचिव को लिखे गए पत्र में कहा गया कि आगरा प्रशासन बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दे रहा है। पत्र में अनुरोध किया कि राज्य में बसों को प्रवेश की इजाजत दी जाये।
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आगरा में यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। यही नहीं सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इसके चलते यहां हालात तनावपूर्ण हो गये। यही नहीं प्रशासन की तरफ से भारी पुलिस बल लगा दिया गया। विरोध तेज होता देख पुलिस ने अजय कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया।