यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा है कि देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए कम से कम 272 सीटें चाहिए। यह क्षमता सिर्फ बीजेपी के पास है। जो दल सिर्फ 37-38 सीटों पर लड़ रहे हैं, वे प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कैसे कर सकते हैं।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के बारे में योगी ने कहा कि जब वे मायावती के साथ मंच पर होते हैं, तो उनकी कुर्सी छोटी और मायावती की बड़ी होती है। जब वे मायावती ने मिलने जाते हैं, तो उनके कमरे में घुसने से पहले अपने चप्पल-जूते उतारते हैं। ये उनका रुतबा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अमेठी और रायबरेली पर बीजेपी बनाम कांग्रेस की जंग पर कहा, ‘जो लोग अमेठी कांग्रेस से जुड़े हैं, वे खुद मानते हैं कि इस बार बीजेपी की जीत होगी। रायबरेली में भी बीजेपी को ही जीत मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि अमेठी और रायबरेली की जनता को बीजेपी से उम्मीद है। कांग्रेस की चार पीढि़यों ने उन्हें निराशा ही दी है। अमेठी में स्मृति ईरानी को मिल रहा जनता का स्नेह अभूतपूर्व है। बीते पांच साल में स्मृति जितने बाद अमेठी गई हैं, राहुल गांधी 15 साल में उतने बार अपने इस क्षेत्र में नहीं गए हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अमेठी के लिए काम नहीं किया है। जबकि स्मृति ईरानी ने हार के बाद भी अमेठी को कई परियोजनाएं दी हैं। अब वहां की जनता बदलाव चाहती है और स्मृति ईरानी ही उनके लिए विकल्प हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि वे सपा के मंच साझा करती हैं। सपा और बसपा ने अमेठी-रायबरेली से एक भी उम्मीदवार नहीं उतारा है। असल में ये सभी पार्टियां एक ही हैं और वोट कटवा के रूप में सामने आई हैं। ये पार्टियां चुनाव जीतने के लिए मैदान में नहीं उतरी हैं।
‘बाबर की औलाद’ कहने पर इलेक्शन कमीशन से मिले नोटिस के बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपसी बातचीत में कहीं कुछ बोलना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। क्या मंच पर लोग भजन करने के लिए जाएंगे। उखाड़ देने और अपने विरोधी को घेरने के लिए मंच पर जाया जाता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी दल 2014 और 2017 में हारे। उन्हें 2019 और 2022 में भी हार नसीब होगी और यह महागठबंधन 2024 में भी हारेगा।