कानपुरः धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों (doctors) का शर्मनाक कारनामा सामने आया है। पैसे के लिए ये डॉक्टर मानवता की सारी हदें पार करते हुए, मरीज (petient) की लाश का दो बार ऑपरेशन तक कर डाला।
जब दो बार ऑपरेशन के लाखों रुपए मिल गए तो मरीज को मरा हुआ बताकर क्रियाकर्म करने के लिए परिजनों को सौंप दिया। वहीं जब पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम कराया तो पता चला मरीज अस्पताल में भर्ती कराने के कुछ देर बाद ही मर चुका था।
नामी अस्पताल का कारनामा
मामला यूपी के कानपुर शहर का है। जहां सड़क हादसे में गंभीर रुप से घायल हुए रोहित यादव नाम के युवक को कानपुर के सर्वोदय नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान जब उसकी हालत बिगड़ी तो रावतपुर के नामी रिजेंसी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जहां डॉक्टरों ने उसके पेट के दो ऑपरेशन किए। ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टरों ने लाखों रुपए लिए। बाद में उसे मृत घोषित कर दिया।
फिटर का काम करता था युवक
मृतक रोहित यादव इलाहाबाद का रहने वाला था और कानपुर फर्रुखाबाद रेलवे विद्युतीकरण में फिटर के रूप में काम कर रहा था। बुधवार के दिन जब वो साथियों के साथ काम पर जा रहा था तो बिल्हौर में जीटी रोड के पास गाड़ी हादसे का शिकार हो गई। जिसके बाद लोगों ने रोहित को लखनपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां खून न रुकने पर उसे रावतपुर स्थित रिजेंसी अस्पताल ले जाया गया।
दो बार ऑपरेशन कर लिए 3.30 लाख
वहीं कंपनी के मैनेजर हर्षित का कहना है, कि रिजेंसी अस्पताल के डॉक्टरों ने गुरुवार को ऑपरेशन के नाम पर उनसे दो बार में 3.30 लाख रुपये जमा कराए। वहीं शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान लगातार उसे आईसीयू में रखा गया।
पेट में मिली कॉटन
रोहित की मौत के बाद पुलिन शव को पोस्टमार्ट के लिए भेजा। जहां डॉक्टरों ने जब देख तो रोहित के पेट का ऑपरेशन किया गया था। जबकि उसकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों को रोहित के पेट से दो बाई दो की कॉटन मिली। साथ ही पेट में टांके की जगह टेप चिपकाया गया था। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने रिपोर्ट में लिखा है कि रोहित की मौत घटना वाले दिन यानी बुधवार को हो चुकी थी। मौत का कारण रोहित का ज्यादा खून बह जाना था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
पोस्टमार्टम में जहां बुधवार रात ही रोहित की मौत होने की बात कही है। वहीं रिजेंसी अस्पताल से पुलिस को भेजे जाने वाली सूचना यानी (मेमो) में मौत का वक्त शुक्रवार सुबह लिखा है। यानी मौत के बाद ऑपरेशन किया गया और पैसा लिया जाता रहा। पोस्टमार्टम के दौरान रोहित के पेट की ऊपर परत कटी पड़ी थी। टांके के बजाय उस पर टेप चिपकाया गया था। टेप हटाने पर उसके पेट के अंदर दो बाई दो के कॉटन (रुई) के 28 टुकड़े भी मिले हैं।
पुलिस मामले की जांच में जुटी
एक्सपर्ट का कहना है कि यदि रोहित जिंदा था तो उसके पेट में कॉटन कैसे रह गया। अगर वो मर गया था तो आईसीयू में क्यों रखा गया था। बिल्हौर थानाप्रभारी ने बताया कि रोहित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है। उसे खोल कर देखा जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।