उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालय प्रत्येक विकासखंड के एक गांव को एडोप्ट कर वहां की समस्याओं को चिह्नित करेंगे, ताकि गांवों के बेहतरी को कदम उठाए जा सके। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान के संस्थापक, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद व मुंबई के विजिटिंग प्रोफेसर पद्मश्री प्रो. अनिल के गुप्ता ने सीएम से मुलाकात की।
त्रिवेंद्र ने प्रो गुप्ता का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में नव प्रर्वतन की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास समाज को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास तथा ग्रामीण आर्थिकी मजबूती तथा युवाओं को स्वरोजगार के बेहतर मौके उपलब्ध कराने के लिए 670 न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है। त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रदेश में 32 विश्व विद्यालय हैं।
उन्होंने सामाजिक दायित्व के तहत विवि से प्रदेश के विकास में सहभागी बनने का आह्वान किया। विश्व विद्यालयों से प्रत्येक विकासखंड के एक गांव को एडोप्ट कर वहां की समस्याओं को चिह्नित करने के साथ ही वहां क्या बेहतर किया जा सकता है, इस पर सुझाव लिए जाएंगे। पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी ने जंगली जानवरों से खेती को हो रहे नुकसान की दिशा में पहल करने की बात कही है।
इससे पर्वतीय क्षेत्रों में जंगली सूअरों व बंदरों से खेती को बचाने में मदद मिलेगी। पद्मश्री प्रो अनिल के गुप्ता ने प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से संबंधित शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई-व्यवस्था, कृषि, लघु उद्यम आदि के क्षेत्रों में नव प्रर्वतको की तलाश पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयोग समाज को नई दिशा देने के साथ ही प्रतिभाओं को समाज के सामने लाने में भी मददगार हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक खाद्यान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने होंगे, ताकि जंक फूड के प्रचलन को कम किया जा सकें। प्रो गुप्ता ने कहा कि शिक्षक, छात्रों तकनीकि दक्षता वाले युवाओं के आविष्कारों को मान्यता देने के साथ ही उद्यमिता के विचारों को बढ़ावा देना होगा। स्थानीय स्तर पर उत्पादों के बेहतर प्रोसेसिंग व उनके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी युवा उद्यमियों को आगे लाना होगा। कहा कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है।