उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड प्रबंधन अधिनियम को रद्द करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि “हम मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अवलोकन करने और मुद्दे के सभी पहलुओं पर विचार करने के पश्चात, हमारी सरकार ने अधिनियम को वापस लेने का निर्णय लिया है।”
आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान एवं चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए श्री मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है। pic.twitter.com/eUH3Tf1go1
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 30, 2021
दरअसल, यह अधिनियम वर्ष 2019 में मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान पास हुआ था जिसमें चार धाम समेत 50 से ज्यादा मंदिरों को चार धाम देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से प्रदेश सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके पश्चात उत्तराखंड में पुजारियों और दूसरे लोगों ने इसका विरोध करना प्रारम्भ कर दिया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुजारियों द्वारा दो वर्ष के लंबे विरोध को ख़त्म करने का एलान किया है।
अधिनियम का विरोध कर रहे पुजारियों ने आरोप लगाया था कि प्रदेश सरकार उनके अधिकारों पर अतिक्रमण कर रही है। इस विरोध के पश्चात प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम, 2019 की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था जिसने रविवार को मुख्यमंत्री धामी को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
देव स्थान हमारे लिए सर्वोपरि रहे हैं। आस्था के इन केन्द्रों में सदियों से चली आ रही परम्परागत व्यवस्था का हम सम्मान करते हैं, गहन विचार-विमर्श और सर्वराय के बाद हमारी सरकार ने देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम वापस लेने का निर्णय लिया है। @narendramodi@JPNadda@BJP4UK pic.twitter.com/yREo6XHEzb
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 30, 2021