उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन से फंसे 41 मजदूरों तक बचावकर्मी अब और करीब पहुंच चुके हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा, तो अगले 40 घंटे के भीतर इन मजदूरों को सिलक्यारा सुरंग से सुरक्षित निकालने में कामयाबी मिल जाएगी। खबर लिखे जाने तक सुरंग के ऊपर से की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग 42 मीटर तक हो चुकी है।
मजदूरों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जानी है। उधर, सुरंग के सामने की तरफ से जहां अमेरिका की ऑगर मशीन से मलबा काटा गया था, वहां 6 लोगों की टीम सोमवार से रैट माइनिंग भी कर रही है। इस टीम ने कल देर रात तक 50 मीटर दूरी तक मलबा हटाने में कामयाबी पाई थी। जितनी दूरी तक रैट माइनिंग टीम मलबा हटाती जा रही है, वहां तक मशीन के जरिए 800 मिलीमीटर की पाइप को धकेला जा रहा है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Micro tunnelling expert Chris Cooper says, "…It went very well last night. We have crossed 50 metres. It's now about 5-6 metres to go…We didn't have any obstacles last night. It is looking very positive…" pic.twitter.com/HQssam4YUs
— ANI (@ANI) November 28, 2023
रैट माइनिंग टीम को करीब 10 मीटर मलबा हटाकर मजदूरों तक पहुंचना था। अब इस टीम को 5-6 मीटर ही मलबा हटाना है। ये टीम अब तक बिछाई गई पाइप में से होकर ही इस मुश्किल काम को कर रही है। रैट माइनिंग टीम के ये 6 सदस्य काफी अनुभवी हैं और उन्होंने मीडिया को भरोसा दिलाया था कि हर हाल में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को वो बचाने में कामयाब होंगे।
वर्टिकल ड्रिलिंग का काम तो रविवार से ही शुरू हो गया था, लेकिन रैट माइनिंग का काम तब चालू हो सका, जब प्लाज्मा कटर से मलबे में काफी दूरी तक फंसकर टूटे ऑगर मशीन के ब्लेड को निकाला गया। मलबे में स्टील की सरिया से उलझकर ऑगर मशीन की ये ब्लेड टूट गई थी। इससे मजदूरों को जल्दी निकालने के काम में बड़ी बाधा आई, लेकिन अब लग रहा है कि जल्दी ही ये अहम ऑपरेशन खत्म हो सकता है।
मजदूरों को बचाने के इस काम पर पीएम नरेंद्र मोदी लगातार नजर बनाए हुए हैं। मोदी ने सोमवार को तेलंगाना में जनसभा के दौरान भी मजदूरों के लिए सभी से प्रार्थना करने को कहा था। मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी बीते कल सिलक्यारा सुरंग पहुंचकर फंसे हुए मजदूरों से बात की थी और उनका हौसला बढ़ाया था। पीएम मोदी हर रोज उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन कर मजदूरों को बचाने के काम का जायजा लेते हैं।
उन्होंने पहले से ही पीएमओ में सलाहकार रहे भास्कर खुल्बे और एक ज्वॉइंट सेक्रेटरी को मौके पर भेज रखा है। सिलक्यारा सुरंग में ये 41 मजदूर काम कर रहे थे, जब 12 नवंबर को अचानक धंसाव हो गया और 60 मीटर दूरी तक मलबा गिरने से सुरंग का रास्ता बंद हो गया। तभी से मजदूरों को बचाने की कोशिश जारी है। मजदूरों को बचाने के काम में सेना के साथ एनडीआरएफ और रेलवे के इंजीनियरों समेत तमाम एजेंसियों और विदेशी विशेषज्ञों को भी लगाया गया है।