नई दिल्ली- निर्भया मामले के चारों दोषी में से एक विनय शर्मा को उच्चस्तरीय मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध दायर याचिका पर दिल्ली की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। विनय ने सिज्रोफेनिया से पीड़ित होने का हवाल देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले कोर्ट में तिहाड़ जेल प्रशासन ने विनय से संबंधित रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। बता दें कि गुरूवार को कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगा था।
Nirbhaya Case: Public Prosecutor Irfan Ahmad further added that there is no medical history of mental instability of convict Vinay Sharma as claimed by the convict's counsel AP Singh
— ANI (@ANI) February 22, 2020
आपको बता दें कि विनय ने कुछ दिन पहले दिवार में अपना सिर मार लिया था, जिसके बाद विनय के वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। विनय के वकील का दावा है कि विनय के सिर में गंभीर चोटें आईं और हाथ भी फ्रैक्चर हो गया है। वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा है। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के वकील इरफान अहमद ने कहा कि विनय की मानसिक स्थिति खराब होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। पिछले दिनों उसने खुद जेल की दीवार पर अपना सर पटका था। जिसके बाद डॉक्टर्स ने उसकी पट्टी की थी। जेल अधिकारियों ने इस घटना के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को सौंपे। इतना ही नहीं उसने हाल ही में अपनी मां से दो बार फोन पर बात की । ऐसे में उसके वकील कैसे कह सकते हैं कि वह अपनी मां को पहचान नहीं पा रहा है।
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उधर इसी मामले के दूसरे दोषी पवन ने किसी भी तरह की कानून सहायता लेने से मना कर दिया है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह दोषी के वकील ए.पी सिंह ने मामले से अलग हो गए थे, जिसके बाद रवि काजी को पवन का नया वकील नियुक्त किया गया था। पवन ने अभी तक क्यूरेटिव या दया याचिका दायर नहीं की है। हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि पवन ने रवि काजी से मिलने से इनकार क्यों किया। अगर आगे भी पवन अपने बचे विकल्पों को इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे तीन मार्च को सुबह 6 बजे फांसी लगना तय है।