विशाखापट्टनम में भोपाल गैस कांड जैसी घटना….सड़कों पर बेसुध होकर गिर रहे थे लोग…सामने आईं डराने वाली तस्वीरें

राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के संकट काल के बीच विशाखापट्टनम में हुए गैस लीक कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। ये रासायनिक गैस लीकेज आंध्र प्रदेश स्थित विशाखापट्टनम में आरएस वेंकटपुरम में एलजी पॉलिमर उद्योग में एक फार्मा कंपनी में हुआ। ये घटना गुरुवार सुबह हुई। गैस लीकेज इतना भयंकर था कि पूरे शहर में दशहत फैल गई। इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों तक को खाली करा लिया है। बहरहाल, गैस लीकेज क्यों और कैसे हुआ, इस कारण का अभी पता नहीं चल पाया है। इस पूरे मामले की 5 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी।

इस जहरीली गैस के लीक होने से फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हुए हैं। ऐहतियात के दौर पर पांच गांवों को खाली करा लिया गया है। विशाखापट्टनम से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो वाकई डराने वाली हैं। सैकड़ों लोगों को सिरदर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो रही है। एम्बुलेंस में भरकर लोगों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। सड़कों पर लोग बेहोश-बेसुध पड़े हुए हैं।

विशाखापट्टनम के जिलाधिकारी वी विनय चंद घटनास्थल पर हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं। उनका कहना है कि दो घंटे के भीतर हालत को नियंत्रित कर लिया जाएगा। जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है।


वहीं, पुलिस अधिकारी लोगों से घर से बाहर निकलने की अपील कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। सभी से प्रभावित इलाकों में न जाने की अपील भी की जा रही है। नडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर लगी हुई हैं

गैस लीक कांड अभी तक 11 लोगों की जान ले चुका है, 20 से ज्यादा लोग गंभीर हालत में हैं। जिसमें अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे हैं। सरकारी अस्पताल में 150-170 लोग भर्ती कराए गए। कई लोगों को गोपालपुरम के प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है। 1500-2000 बेड की व्यवस्था भी कर ली गई है। माना जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

उधर, सीएम जगन मोहन रेड्डी ने किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा देने का ऐलान किया। हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये मिलेगा। डिस्चार्ज किए जा चुके पीड़ितों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

  • हिंदुस्तान पॉलिमर्स के नाम से एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री की स्थापना 1961 में की गई थी।
  • ये कंपनी पॉलिस्टाइरेने और इसके को-पॉलिमर्स का निर्माण करती है।
  • 1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवल एंड कंपनी लिमिटेड में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का विलय हुआ।
  • बाद में ये एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री हो गई।

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