क्या अंग्रेजों की मदद के लिए बनी थी कांग्रेस पार्टी? जानें स्थापना दिवस का पूरा सच

60 साल तक देश में राज करने वाली और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आज अपना 134वां स्थापना दिवस मना रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर पार्टी मुख्यालय पर झंडा फहराया. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के कई बड़े नेता वहां मौजूद रहे. साथ ही इस मौके पर राहुल गांधी और मनमोहन सिंह ने  केक भी काटा.

कब बनी थी कांग्रेस पार्टी

देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आज 133 साल पूरे हो गए हैं. बता दें की  28 दिसंबर 1885 को कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई थी और आज पार्टी का 134वां स्थापना दिवस है. राहुल गांधी की अध्यक्षता में पार्टी ने बीते दिनों तीन राज्यों में चुनाव जीते जिसके चलते यह स्थापना दिवस और भी खास हो गया है.

 

एओ ह्यूम ने की थी स्थापना

आज से 133 साल पहले आईसीएस अधिकारी ऐलन ओक्टोवियन ह्यूम (एओ ह्यूम) ने कांग्स पार्टी की स्थापना की थी. बता दें की थियोसोफिकल सोसायटी के मात्र 72 राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से पार्टी की स्थापना की गई थी. बता दें की इसमें सामाजिक कार्याकर्ता, पत्रकार और वकीलों का दल भी शामिल था. 28 दिसंबर 1885 को कांग्रेस का पहला चार दिवसीय अधिवेशन मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुआ था, जिसके अध्यक्ष तब के बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी थे. पार्टी का दूसरा सेशन ठीक एक साल बाद 27 दिसंबर 1886 को कोलकाता में दादाभाई नैरोजी की अध्यक्षता में हुआ था.

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क्या अंग्रेजों की मदद के लिए बनी कांग्रेस?

कांग्रेस के बारे में एक अफवाह है कि अंग्रेजी हुकूमत के इशारे पर एओ ह्यूम ने अपने साथीयों के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी. यह कहा जाता है कि उस समय के वायसराय लॉर्ड डफरिन के आदेश पर कांग्रेस पार्टी इसलिए बनी थी, ताकि 1857 की क्रांति की विफलता के बाद भारतीयों में पनप रहे असंतोष को फूटने से रोका जा सके.

गौरतलब है की इस मिथ को कई जगहों पर सेफ्टीवॉल्व का नाम भी दिया गया था. 1939 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संचालक एमएस गोलवलकर न भी कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता के कारण उसे गैर-राष्ट्रवादी ठहराने के लिए सेफ्टीवॉल्व की धारणा का प्रयोग किया गया था. गरमपंथी नेता लाला लाजपत राय ने ‘यंग इंडिया’ में वर्ष 1961 में प्रकाशित अपने लेख में सेफ्टीवॉल्व की इस धारणा का इस्तेमाल कांग्रेस के नरमपंथी नेताओं पर प्रहार करने के लिए किया था.

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ये है कांग्रेस पार्टी की स्थापना का असली सच

कांग्रेस की स्थापना से पहले उस वक्त के न्याय मूर्ति रानाडे, दादा भाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, जी0 सुब्रहमण्यम अय्यर और सुरेन्द्रनाथ बनर्जी जैसें नेताओं ने इसलिए हयूम से सहयोग लिया था क्योंकि वह शुरूआत में ही सरकार से दुश्मनी मोल लेना नहीं चाहते थे. उनका मानना था कि अगर कांग्रेस जैसे सरकार विरोधी संगठन का मुख्य संगठनकर्ता, ऐसा आदमी हो जो ब्रिटिश अधिकारी हो तो इस संगठन के प्रति ब्रिटिश सरकार को संदेह नहीं होगा.

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