कोरोना से तबाह हो चुके अमेरिका की भारत निरंतर मदद कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप की गुजरिश पर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की बड़ी खेप कई बार अमेरिका को सौंप चुके हैं। इतनी गहरी बांडिंग होने के बाद भी व्हाइट हाउस द्वारा पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को टिव्टर पर अनफॉलों कर देना.. हजम नहीं हो रहा है। व्हाइट हाउस के इस कदम से देशवासियों को भी गहरा धक्का लगा है। भारत में बड़ा सवाल बनते जा रहे इस मुद्दे पर आखिरकार व्हाइट हाउस को सफाई देनी ही पड़ी। व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि उनके ट्विटर हैंडल से किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को तब फॉलो किया जाता है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति उस देश के दौरे पर होते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति का दौरा खत्म होने के बाद व्हाइट हाउस उस देश राष्ट्राध्यक्ष को अनफॉलो कर देता है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप फरवरी में जब भारत दौरे पर आए थे, तभी व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ट्विटर हैंडल को फॉलो किया था। व्हाइट हाउस के द्वारा फॉलो किए जाने वाले ये इकलौते विदेशी ट्विटर हैंडल थे। लेकिन, बुधवार को इन सभी को अनफॉलो कर दिया गया। जिसको लेकर भारत में बहस विवाद शुरू हो गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था कि विदेश मंत्रालय द्वारा इस मामले को अमेरिका के सामने उठाना चाहिए।
विवाद पर आई अमेरिका की सफाई
भारत में ”फॉलो-अनफॉलो” पर घमासान छिड़ने के बाद खुद व्हाइट हाउस सामने आकर सफाई देनी पड़ी। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बताया कि हम अपने ट्विटर हैंडल से अमेरिका की सरकार से जुड़े ट्विटर हैंडल को ही फॉलो करते हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के किसी देश दौरे पर जाने के समय उस देश के प्रमुखों को भी फॉलो किया जाता है। इसके पीछे वजह इतनी सी होती है कि संदेश लगातार रिट्वीट हो सकें। यह एक रूटीन प्रॉसेस है। डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने पर व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री कार्यालय, भारतीय दूतावास, भारत में अमेरिकी दूतावास जैसे ट्विटर हैंडल को फॉलो किया था।