देहरादूनः उत्तराखंड के आलाधिकारियों और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का स्टिंग ऑपरेशन करने की साजिश को नाकाम करने वाली पुलिस उस व्यक्ति की तलाश में जुट गई है. जो इस पूरे कांड के पीछे अपनी चाल चल रहा था. सरकार को अस्थिर करके राज्यद्रोह जैसी साजिश रचने वाले इस गिरोह के पीछे कौन है, किसको अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष लाभ होने वाला है. इसका पता लगाने में पुलिस जुटी है.
अब करीबियों पर नजर
मामले के मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार को गिरफ्तार कर बाकी नामजद आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस के सामने चुनौती पर्दे के पीछे छिपे शख्स को ढूंढ निकालने में है. जो सीएम को हटाकर सत्ता पाने की चासनी चाटना चाहता है. सत्ता के गलियारों से निकलकर आ रही ख़बर में बीते कुछ दिनों से एक सियासी तूफान लाने वाल स्टिंग की चर्चा शुरु हो गई है. अधिकारी और नेता इस स्टिंग का इंतजार कर रहे थे. चर्चा यहां तक थी कि स्टिंग के आने के बाद सरकार का चेहरा और आकार बदल जाएगा.
सरकार के लोग ही साजिश में शामिल
पुलिस को इस पूरी साजिश में कई पक्के सबूत मिले हैं. जिसमें सरकार में शामिल कुछ लोगों का हाथ होने की पुख्ता जानकारी सामने आई है. जिसको लेकर सरकार कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है. उससे पहले वो सभी महत्वपूर्ण सबूत जुटा लेना चाहती है, जिससे षड़यंत्र करने वाला रंगे हाथों पकड़ा जाए.
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गढ़वाल के नेता को बनाना है सीएम !
सरकार अब उमेश कुमार के करीबी नेताओं की कुंडली खंगालनी शुरु कर दी है. उमेश कुमार उत्तराखंड राज्य बनने के साथ ही सरकार में अच्छी पकड़ और ताकतवर लोगों की लिस्ट में शुमार था. पूर्व के कई मुख्यमंत्रियों के साथ उसका उठना बैठना था. सियासी गलियारों में गढ़वाल क्षेत्र के एक बड़े नेता के नाम की चर्चा शुरु हो गई है. जो सीएम बनने के लिए आतुर है. जिनके साथ पहले उमेश की एक नहीं बनती थी, लेकिन निज स्वार्थ और राजनीति में स्थाई दुश्मन नहीं होने का सिद्धांत भी आशंका पैदा करता है.
हरीश को फंसाने वाले हो सकते हैं शामिल
इसके साथ ही हरीश रावत सरकार को अस्थिर करने वाले चुनिंदा लोगों की कुंडली भी खंगाली जा रही है. शक है कि हरीश रावत सरकार में बगावत करने वाले लोगों की शह पर ही उमेश कुमार ने रावत का स्टिंग किया था. बागी दल के नेता से कई सालों से उमेश कुमार के दोस्ताना रिश्ते रहे हैं. ये नेता आज भी सरकार में मंत्री के पद पर जरूर है, लेकिन वो जलवा नहीं है, जिसकी उसको उम्मीद थी. हरीश रावत को गच्चा देने और आधे विधायकों को भगाने से लेकर बीजेपी से संपर्क साधने तक में इसका बड़ा हाथ था. मंत्री रहते एक महिला ने इस मंत्री पर रेप का आरोप भी लगाया था. कई सालों से मुख्यमंत्री बनने का सपना पाले है. जानकारों की माने तो पूर्व सरकार की बगावत के बाद बीजेपी में शामिल हुए लोगों को वो अधिकार और सम्मान नहीं मिला जिसके लिए वो सोचकर आए थे. ऐसे में सबक सिखाने के लिए साजिश करने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. सियासी हलकों में हो रही चर्चा का सार समझें तो हरीश और त्रिवेंद्र हो हटाकर कुर्सी पर कब्जा करने की मंशा रखने वाला व्यक्ति एक ही है. जिसको सरकार की अस्थिरता में आलाकमान गद्दी सौंप सकती है.
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क्या कहते हैं जानकार
उत्तराखंड राज्य के राजनीतिक हालात पर करीब से नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत की माने तो कांग्रेस से आने वाले और हरीश रावत के साथ दगा करने वाले लोगों की इच्छा भी सीएम बनने की है. साथ ही गढ़वाल इलाके से आने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भी कुर्सी पाने को हाथ पैर मार रहे हैं.