नई दिल्ली: बीजेपी ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के कुल 184 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें गांधीनगर की बहुचर्चित सीट से लालकृष्ण आडवाणी की जगह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को टिकट दिया गया है. इसके बाद से ही न सिर्फ पार्टी में हलचल है बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रयाएं आ रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, गुजरात की बीजेपी इकाई ने गांधीनगर से किसी का नाम ही नहीं भेजा था. राज्य नेतृत्व ने इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व छोड़ा था कि गांधीनगर से कौन चुनाव देगा. दरअसल राज्य इकाई के ज्यादातर नेता गांधीनगर सीट से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को चुनाव लड़ते हुए देखना चाहते थे.
हालांकि यह भी बताया गया है कि भाजपा की प्रदेश इकाई की मांग थी कि या तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को या शाह को इस बार राज्य से लोकसभा चुनाव में उतारा जाए. प्रदेश भाजपा नेताओं की भी यही मांग थी कि अमित शाह को गांधीनगर से चुनाव लड़ाया जाए.
पार्टी पर्यवेक्षक निमाबेन आचार्य ने बताया था कि भाजपा ने 16 मार्च को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय जानने के लिए गांधीनगर में पर्यवेक्षकों को भेजा था और इनमें से अधिकतर ने शाह का पक्ष लिया.पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी (91) ने छह बार गांधीनगर सीट पर जीत दर्ज की है.
गांधीनगर संसदीय सीट के ही तहत नारणपुरा से अमित शाह विधायक रहे हैं. फिलहाल अमित शाह राज्यसभा सांसद हैं. पार्टी नेताओं का मानना था कि अमित शाह के लड़ने से गुजरात में ‘मिशन 26’ पूरा करने में मिल सकती है. यूं तो पार्टी की एक बैठक के बाद यह कहा गया था कि मार्गदर्शक मंडल के सदस्य 91 वर्षीय आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को लड़ने का फैसला उन पर छोड़ दिया गया है.
हालांकि सूत्र बताते हैं कि आडवाणी से पार्टी ने इसको लेकर संपर्क नहीं किया. एक अन्य बुजुर्ग नेता कलराज मिश्रा ने मौके की नजाकत भांपते हुए टिकट घोषित होने से पहले ही खुद ही चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी.पार्टी ने अभी कानपुर सीट से प्रत्याशी तय नहीं किया है. यह सीट मुरली मनोहर जोशी की है. आडवाणी का टिकट कटने के बाद माना जा रहा है कि पार्टी जोशी की तरह किसी और को इस सीट से उतार सकती है. हालांकि इससे पहले बीजेपी ने कहा था 75 पार के नेता चुनाव लड़ सकते हैं मगर मंत्री पद या संगठन में पद नहीं मिलेगा.