बुराइयों पर कहर ढाता है शनि का ऐसा रंग-रूप, अच्छे कर्मों वालों को देते हैं अपार सुख-संपदा

नई दिल्ली: सूर्य पुत्र शनिदेव को न्यायाधीश माना जाता है। सभी को उनके अच्छे-बुरे कर्मों की सजा देते हैं। दण्डाधिकारी होने से उनका स्वभाव क्रूर भी माना गया है। कहते हैं कि यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो शनि की दशा दु:ख देने वाली नहीं होती है बल्कि अपार धन, सुख-संपदा देने वाली सिद्ध होती है। शास्त्रों के अनुसार राजा दशरथ द्वारा की गई शनि स्तुति में शनि का ऐसा अद्वितीय स्वरूप बताया गया है, जो बुराईयों और दुष्ट प्रवृत्तियों पर कहर बनकर टूटता है। जानते हैं कैसा है शनि का वह रूप…

भगवान शंकर जैसा शनि का रंग नीला है।
– उनकी दाढ़ी, मूंछ ओर जटा बढ़ी हुई और शरीर मांसहीन यानी कंकाल जैसा है।
– उनकी बड़ी-बड़ी गहरी और धंसी हुई आंखे हैं।
– पेट का आकार भयानक है, घोर तप से पेट पीठ से सटा हुआ है।
– उनका शरीर लंबा-चौड़ा किंतु रुखा है।
– उनकी दाढ़ें काल का साक्षात रूप मानी जाती हैं।
– इस भयानक रूप के साथ वह धीरे-धीरे चलते हैं।

हालांकि अलग-अलग पुराणों में उनके रूप की चर्चा अलग-अलग मिलती है। कहते हैं कि शनिदेव के कारण ही राम को वनवास जाना पड़ा, रावण को राम के हाथों मरना पड़ा, पांडवों को राज्य से भटकना पड़ा, विक्रमादित्य को कष्ट झेलना पड़ा, राजा हरीशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं और राजा नल और उनकी रानी दमयंती को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ा था।

अशुभ की निशानी :

* शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षतिग्रस्त हो जाता है।
* कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है।
* अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं।
* अचानक घर या दुकान में आग लग सकती है।
* धन, संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है।
* समय पूर्व दांत और आंख की कमजोरी।

यदि शनि बहुत ज्यादा खराब है तो…

* व्यक्ति पराई स्त्री से संबंध रखकर बर्बाद हो जाता है।
* व्यक्ति जुआ, सट्टा आदि खेलकर बर्बाद हो जाता है।
* व्यक्ति किसी भी मुकदमे में जेल जा सकता है।
* व्यक्ति की मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है। वह पागल भी हो सकता है।
* व्यक्ति अत्यधिक शराब पीने का आदी होकर मौत के करीब पहुंच जाता है।
* व्यक्ति किसी भी गंभीर रोग का शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो सकता है।
* भयानक दुर्घटना में व्यक्ति अपंग हो सकता है या मर भी सकता है।

Mi ने मचाई खलबली, मात्र ₹7999 रुपये में लॉन्च कर डाला यह दमदार स्मार्टफ़ोन

शुभ की निशानी :

* शनि की स्थिति यदि शुभ है तो व्यक्ति हर क्षेत्र में प्रगति करता है।
* शनि के शुभ होने पर व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता।
* बाल और नाखून मजबूत होते हैं।
* ऐसा व्यक्ति न्यायप्रिय होता है और समाज में मान-सम्मान खूब रहता है।
* मकान और दलाली के कार्यों में सफलता मिलती है।
* व्यक्ति भूमि का मालिक होता है और धन संपन्न रहता है।
* यदि व्यक्ति लोहे से संबंधित कोई कार्य कर रहा है तो उसमें उसे अपार धन मिलता है।

शनि के उपाय :

* सर्वप्रथम शनि ग्रह के स्वामी भगवान भैरव से माफी मांगते हुए उनकी उपासना करें।
* हनुमान ही शनि के दंश से बचा सकते हैं तो प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
* शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
* तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ और जूता दान देना चाहिए।
* कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
* छायादान करें अर्थात कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा मांगते हुए रख आएं।
* दांत, नाक और कान सदा साफ रखें।
* अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें।
* कभी भी अहंकार, घमंड न करें, विनम्र बने रहें।
* किसी भी देवी, देवता, गुरु आदि का अपमान न करें।
* शराब पीना, जुआ खेलना, ब्याज का धंधा तुरंत बंद कर दें।
* पराई स्त्री से कभी संबंध न रखें।

शनि की सावधानी :

* यदि शनि कुंडली के प्रथम भाव यानी लग्न में हो तो भिखारी को तांबा या तांबे का सिक्का कभी दान न करें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा।
* यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला का निर्माण न कराएं।
* अष्टम भाव में हो तो मकान न बनाएं, न खरीदें।
* उपरोक्त उपाय भी लाल किताब के जानकार व्यक्ति से पूछकर ही करें।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles