लोकसभा चुनावों के लिए काउंटडाउन शुरु हो चुका है. सारी पार्टियां अपने मास्टर प्लान तैयार कर रही हैं. उत्तरप्रदेश सियासत में बुआ-बबुआ ने हाथ मिलाने का ऐलान कर दिया है. बीजेपी को दोनों का साथ आना अखर सकता है क्योंकि दोनों ने मिलकर बीजेपी की नाक के नीचे से लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की थी. कहीं सपा-बसपा का गठबंधन लोकसभा चुनावों में भी भारी पड़ा तो?
खैर, खबरें आ रही हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री यूं ही हार मानने वाले नहीं हैं इसीलिए उन्होंने ऐसा राजनीतिक प्लान तैयार किया है लोकसभा चुनावों में मैजिक कर सकता है.
योगी के मैजिक मंत्र
राम मंदिर
राम मंदिर मुद्दा हिंदुस्तान की सियासत का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है. इसी पर योगी आदित्यनाथ पासा पलट सकते हैं. सरकार किसी भी वक्त राम मंदिर पर फैसला लिखकर जीत अपने पाले में कर सकती है.
गैर यादव और गैर जाट
राम मंदिर के अलावा बात करें तो बीजेपी की नजर गैर यादव और गैर जाट वोटों पर भी टिकी हुई है. योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ओबीसी की उन जातियों का हालचाल लिया था जिन्हें अभी तक आरक्षण और सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है. हो सकता है अब वोटबैंक के लिए सरकार कोई चाल चलें.
दलितों पर नजर
उसी तरह आप सरकार और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में दलित वोट बैंक को भी अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
गठबंधन में कांग्रेस न होने का फायदा
एक और बात बीजेपी के पक्ष में हो सकती है. कांग्रेस, गठबंधन का हिस्सा नहीं है. इसका फायदा बीजेपी को हो सकता है.
कुंभ मेला
यूपी में कुंभ मेले के आयोजन और सरकार द्वारा जनहित कार्यों के बाद उम्मीद है कि सरकार किसानों के कर्ज माफ कर सकती है.