लखनऊ: गर्मी के दिन शुरु होते ही मिट्टी के घड़े यानि मटके की मांग शुरु होती है। गर्मी में मटके का पानी जितना ठंडा और सुकूनदायक लगता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद भी होता है। वैसे तो आजकल लोग गर्मियों में ठंडा-ठंडा कूल-कूल फील करने के लिए फ्रिज का पानी पीते हैं। वहीं कुछ लोग फ्रिज के पानी को छोड़कर बर्तन यानी घड़े के पानी का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं।
पीढ़ियों से घरों में मिट्टी के बर्तन यानी घड़े का इस्तेमाल किया जाता है। आज भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो मिट्टी के बर्तन में पानी पीते हैं। मिट्टी की भीनी-भीनी खुशबू के कारण घड़े का पानी पीना अच्छा लगता है। कई विशेषज्ञ भी इस बात को बताते है कि मिट्टी के बर्तन में पानी रखना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा माना जाता है। इसमें रोगों से लड़ने की क्षमता तो होती ही है, साथ ही कुछ बीमारियां भी दूर होती हैं। जानिए मिट्टी के बर्तन में पानी पीने के फायदे…..
मटके का पानी पीना सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है, पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। अगर आपको गैस या एसिडिटी की समस्या रहती है, तो ऐसे में रोजाना मिट्टी के घड़े का पानी पीना बेहद फायदेमंद रहेगा। क्योंकि इसके सेवन से पाचन क्रिया सुचारू रूप से कार्य करती है। इसे पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है।
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मटके का पानी पीना से कैंसर की बीमारी का खतरा बहुत कम हो जाता है। घड़े का पानी गले से संबंधी बीमारियों से बचा कर रखता है और यह हमको जुकाम खांसी की परेशानी से भी बचाता है ।
मटके का पानी पीना से पीएच संतुलन सही होता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगड़ने नहीं देते।
मटके का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है, जबकि फ्रिज का पानी इलेक्ट्रिसिटी की मदद से। बल्कि एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें बिजली की बचत भी होती है, और मटके बनाने वालों को भी लाभ होगा।
अगर आप दमा के रोगी हैं, तो भी मटके का पानी पिएं। लकवा पेशेंट्स को भी मटके का पानी नियमित तरीके से गर्मी में पीना चाहिए। इससे उनको फायदा मिलेगा।