सीतापुर में पीएम नरेंद्र मोदी बोले, बुआ-बबुआ ने खोला महामिलावट का नया काउंटर

यूपी के सीतापुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ घंटे पहले यूपी बोर्ड परीक्षा के नतीजे आए हैं। परीक्षा में पास हुए सभी छात्र-छात्राओं को मैं बधाई देता हूं और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। जो छात्र कुछ नंबर से पीछे रह गए हैं, उन्हें निराश न होने और अभी से पढ़ाई में जुट जाने की सलाह मैं उनके परिवार के सदस्य के नाते देता हूं।

सीतापुर में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण

आज ऐसे समय मैं सीतापुर आया हूं, जब चुनाव निर्णायक दौर में पहुंच चुका है।

आधे देश ने जो जनादेश दिया है, वो EVM मशीनों में सील हो चुका है।

देश का जो मन है, वो इसी से पता चल रहा है कि विपक्ष के नेताओं के चेहरे लटक गए हैं।

कांग्रेस, सपा और बसपा को समझ नहीं आ रहा है कि वोट मांगे तो किस मुद्दे पर मांगे।

जात-पात का जो खेल इन्होंने रचा था, वो अब इन पर ही भारी पड़ रहा है।

आज विपक्ष में अफरातफरी मची है।

कर्नाटक में जितने नेता इकठ्ठा होकर मोदी हटाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिला रहे थे। आज उनमें से किसी भी नेता को दूसरे नेता के साथ देखा क्या?

महाराष्ट्र में शरद पवार और राहुल को साथ देखा क्या? ये सब एक दूसरे का मुंह देखने को तैयार नहीं हैं।

जो कांग्रेस की सरकार 10 साल देश में चली, वो कैसा भारत हमें सौंप के गई थी, जरा याद कीजिए।

लाखों करोड़ के घोटाले, भ्रष्टाचार के कारण दुनिया में बदनामी, सिर्फ 4 प्रतिशत के आस-पास महंगाई दर, किसान, कामगार, नौजवान सब परेशान, बम धमाकों और असुरक्षा का माहौल था।

आज भारत जल, थल, नभ और अंतरिक्ष यानि चारों जगह से अपनी सुरक्षा करने में सक्षम हुआ है।

कुछ महीने पहले दुनिया ने देखा है कि कैसे अंतरिक्ष में गोली की रफ्तार से घूम रहे एक सैटेलाइट को 3 मिनट में हमने ध्वस्त कर दिया।

मेरे लिए सिर्फ राष्ट्र प्रथम है, इसलिए मैंने वैज्ञानिकों को इस काम पर जुटने की इजाजत दी।

आज हम विश्व की चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बन चूके हैं। प्रतिबन्ध लगाने के बजाय आज पूरी दुनिया हमारे साथ खड़ी है।

पहले की सरकार डरती थी कि कुछ करेंगे, तो दुनिया रूठ जाएगी और हमारी सरकार खतरे में पड़ जाएगी। वो मजबूर सरकार थी।

एक परिवार के काले कारनामों को छिपाने के लिए समर्पित सरकार थी। उन्हें देश की सुरक्षा से ज्यादा कुर्सी की चिंता थी।

आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म होना चाहिए या नहीं? घुसपैठियों से मुक्ति मिलनी चाहिए या नहीं?

ये काम बुआ-बबुआ कर सकते हैं क्या? अरे इनकी सरकारें गांव के गुंडों को ठीक नहीं कर पाई ये आतंकवाद को क्या ठीक करेंगे।

कांग्रेस तो कह रही है कि जम्मू कश्मीर से सेना कम कर देंगे। हमारे सैनिकों का विशेष अधिकार हटा देंगे। कांग्रेस देशद्रोह का कानून भी हटाना चाहती है। ऐसी सोच वाले आतंकवाद और नक्सलवाद हटा पाएंगे क्या?

आपकी चीनी मिलों के साथ इन्होंने क्या खेल किया, ये भी यहां का बच्चा-बच्चा जानता है।

बसपा की सरकार आती थी, चीनी मिलें बेचकर जाती थी।

जांच के नाम पर सपा की सरकार आती थी और फिर 5 साल के लिए सो जाती थी।

मजबूर और बेइमान सरकार को सामान्य मानवीय की चिंता नहीं होती। वो सिर्फ अपना हित देखते हैं।

ये बाढ़ जैसी त्रासदी में भी अपनी कमाई देखते हैं। मुआवजे में भी घोटाला करते हैं।

कांग्रेस, सपा, बसपा की इसी सोच का परिणाम आप भुगत रहे हैं।

बुआ-बबुआ की दुकान पर ताला लग गया, तो इस बार नया काउंटर खोल दिया।

महामिलावट का काउंटर। मुझे पता है कि आप इनका ये काउंटर भी बंद करने वाले हैं।

मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि गरीब को लूटने वालों से पाई-पाई वसूल की जाएगी

बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊपर उठाना हमारा लक्ष्य है। ग्रामोदय से भारत के उदय की भावना पर हमने काम किया है।

सबको बिजली, सबको गैस, सबको शौचालय और 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर मिले, इसके लिए हम जुटे हैं।

इतना ही नहीं, बीते पांच वर्षों में सड़क और रेलवे के जो काम हुए हैं, उन्हें और तेज किया जाएगा।

आप जब कमल के सामने वाला बटन दबाएंगे तब भ्रष्टाचारी कांपने लगेंगे, आप जब कमल को वोट देंगे तो दुनिया में देश का जय जयकार बढ़ जाएगा, आप जब कमल को वोट देंगे तब देश के मजबूत होंने की गारंटी होगी। आप जब कमल को वोट देंगे तो आपका एक-एक वोट मोदी के खाते में जाएगा।

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