10 सालों में 20 गुना बढ़े बेरोजगारी संबंधित आत्महत्या के मामले

भोपालः सरकारों के तमाम दावों और वादों के बावजूद देश सहित मध्यप्रदेश में बेरोजगारों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बेरोजगारों के लिए लामबंदी करने वालों का दावा है कि, देश में बेरोजगारी के चलते एक दशक में आत्महत्या के मामलों की संख्या 20 गुना बढ़ गई है. बेरोजगार सेना के प्रमुख अक्षय हुंका और समाजवादी पार्टी (सपा) की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने यहां गांधी भवन में रविवार को बेरोजगार पंचायत में बढ़ती बेरोजगारी पर पत्रकारों से चर्चा की.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बेरोजगारों की संख्या को लेकर जारी होने वाली रिपोर्ट 2015 से बंद है. इससे पहले देखें तो पता चलता है कि वर्ष 2005 से 2015 के दौरान बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या करने वालों की संख्या में 20 गुना का इजाफा हुआ था. बीते तीन साल में यह आंकड़ा कहां पहुंचा होगा, कहा नहीं जा सकता.”

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दूसरे राज्यों की सरकारी नौकरी में नहीं ले सकेंगे रिजर्वेशन

हुंका और पाठक ने दावा किया, “वर्तमान में हर रोज दो लोग बेरोजगारी के चलते खुदखुशी करने को मजबूर हो रहे हैं, मगर सरकारों को इससे कोई लेना-देना नहीं है. यही कारण है कि बेरोजगारों को एकजुट करने का अभियान चलाया गया है.”

पाठक ने एक सवाल के जवाब में कहा, “केंद्र में सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री और उनके दल के लोगों ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी, मगर बीते साढ़े चार साल में भी दो करोड़ लोगों को रोजगार नहीं मिला है. अब सरकार स्वरोजगार जैसे पकौड़े बनाने की बात कहने लगी है. मुद्रा योजना, स्टार्ट-अप का बुरा हाल हुआ है. ये योजनाएं पूरी तरह असफल हुई हैं.”

ये भी पढ़ें- बिहारः 15 बच्चों के साथ यौन शोषण के आरोप में बौद्ध भिक्षु गिरफ्तार

पाठक ने बताया, “सरकारी नौकरियों की संख्या लगातार घट रही है, जो भर्ती हो भी रही है, उनमें सिर्फ घपले और घोटाले ही हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में हुआ व्यापमं, उसके बाद पीएससी आदि में हुए घोटाले चर्चाओं में हैं. वहीं निजी कारखानों में भी नौकरियां नहीं हैं. बेरोजगारों के सामने समस्या खड़ी हो गई है कि वे आखिर करें क्या. उन्हें उनकी योग्यता के मुताबिक न काम मिल रहा है और न ही वेतन.”

हुंका ने कहा, “राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार झूठ गढ़ने में लगे हुए हैं. चौहान ने एक दिन में एक लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा किया, मगर हकीकत क्या है, यह पूरा प्रदेश जानता है. युवाओं को नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए, बल्कि अवसर पत्र (लेटर ऑफ इंटेक्ट) दिए हैं. वास्तव में यह सिर्फ एक कागज मात्र है.”

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दूसरे राज्यों की सरकारी नौकरी में नहीं ले सकेंगे रिजर्वेशन

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles